धान की खेती के लिए अपनाएं यह टिप्स कम लागत में होगी अधिक पैदावा
देश के कई राज्यों में धान की बुवाई चल रही है ऐसे में किसान यह टिप्स अपना कर कम लागत में अधिक पैदावार ले सकते हैं
किसान को अपने क्षेत्र के हिसाब से धान की उन्नत किस्म का चयन करना चाहिए तभी वह अच्छी फसल ले पाएगा धान की रोपाई करने के बाद पोशाक प्रकाश ज्ञान रखें पोषक तत्व नहीं मिलने पर धान की बालियां कमजोर हो जाती है इस दौरान ध्यान रखें की फसल को निश्चित मात्रा में नाइट्रोजन और जिंक का पोषण मिल रहा है या नहीं इस पौधे का विकास अच्छे से होगा और पैदावार भी बढ़ेगी
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि किसान धान की रोपाई की बजाय सीधी बिजाई करे इस से पैदावार भी अच्छी होती है और पानी की बचत भी होती हैं धान कि सीधी बिजाई में धान की फसल को ड्रिल द्वारा गेहूं की तरह बोया जाता है गेहूं की कटाई के बाद कल्टीवेटर चला कर लेजर लेबर द्वारा खेत को समतल करने के बाद पानी लगाकर बत्तर आने के बाद बिजाई की जाती है इस तरह बिजाई करने से किसान भाइयों को कई तरह के फायदे मिलते हैं बिजाई किए गए धान में पानी 21 दिन बाद लगाना पड़ता है जबकि कद्दू की फसल में पानी खेत में खड़ा रखना पड़ता है
बिजाई की गई धान में खरपतवार की समस्या कम होती है क्योंकि पहला पानी इक्कीस दिन बाद लगने पर इनकी जडें गहरी चली जाती है
धान की बिजाई करने पर रोपाई के लिए उपयुक्त मशीनरी लेबर का खर्चा₹4000 प्रति एकड़ के हिसाब से बच जाता है
अधिक कल्ले पाने के लिए धान की बिजाई के बाद 20-30 दिन बाद कल्ले फूटने लगते हैं इस दौरान प्रति एकड़ के हिसाब से 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक की मात्रा जरूर दें जिंक आप बिजाई के समय भी डाल सकते हैं इस दौरान आप धान की फसल में ज्यादा पानी ना रखें इससे आपको अधिक कल्ले मिलेंगे और पैदावार अधिक होगी।
धान की बिजाई करने के बाद 20-25 दिन बाद खेत में पाटा चलाएं ऐसा करने से पौधों पर लगने वाली सुंडी जैसे कीड़े पानी में गिरते ही मर जाते हैं एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आप एक बार पाटा लगाने के बाद उल्टी दिशा में पाटा जरूर लगाए जब भी आप खेत में पाटा लगाऐ तो खेत में पर्याप्त मात्रा में पानी होना चाहिए।