किसान साथी ध्यान दें 1 एकड़ जमीन10 किलो बीज 80 से 90 क्विंटल पैदावार एक सीजन में हो जाएंगे मालामाल
किसान मानसून आने से पहले ही अपने खेतों में मक्का लगाने की तैयारी करना शुरू कर देते हे मक्का गेहूं के बाद हमारे भारत देश में उगाई जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण दलहन फसल हे अगर वैज्ञानिक तकनिक और उन्नत किस्म कि मदद से इसकी खेती की जाए तो किसानो को बहुत फायदा होगा इसकी खेती करके एक ही फसल में मालामाल हो सकते हैं
अगर आप जून आने के साथ ही अपने खेत को मक्का लगाने की तैयारी करने लगते हैं बेसे भी हमारे देश के
ज्यादातर हिस्सों में मक्के की खेती की जाती है लेकिन उन्नत तकनीक और जानकारी न होने के कारण कई बार किसानों को पैदावार कम होने का नुकसान झेलना पड़ता हे
इस लेख में हम आपको बतादे कि
हजारीबाग के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर आरके सिंह के बताने के मुताबिक कि अगर वैज्ञानिक तरीके से उन्नत किस्म की अगर बुवाई की जाए तो एक फसल के अंदर ही किसान मालामाल हो सकता हे
हजारी बाग के डॉक्टर आरके सिंह ने बताया कि हजारीबाग के अंदर साल में तीन बार मक्के की फसल की जाती है। पहली फसल नवंबर से फरवरी महीने के बीच, दूसरी फसल फरवरी से अप्रैल महीने के बीच और तीसरी फसल जून से सितम्बर महीने तक की जाती हे मक्के की फसल 75 से 95 दिन के अंदर पक कर तेयार हो जाती है।
किसानों के लिए जरूरी है कि वो सही किस्मों का चयन करें. तो आइए जानते हैं मक्के की उन उन्नत किस्मों के बारे में जिसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड (Pusa Vivek Hybrid 27 Improved)
यह जल्दी पकने वाली किस्म है. इस किस्म से मक्के की फसल मात्र 84 दिन में तैयार हो जाती है. वर्ष 2020 में लॉन्च की गई यह किस्म भी मक्का की नवीनतम किस्मों में से एक है. उच्च प्रोटीन सामग्री के कारण, इस किस्म का बड़े पैमाने पर पशु आहार के लिए और प्रोटीनेक्स जैसे उत्पाद बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है. पूसा विवेक हाइब्रिड 27 उन्नत किस्म किसानों को कम लागत में अधिक उपज देने के लिए जानी जाती है.
पूसा विवेक की इस संकर मक्का किस्म की खेती बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, यूपी आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. औसत उपज की बात करें तो इस किस्म से किसान 48.5 क्विंटल की उपज प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि यह उपज मिट्टी की उत्पादकता, कृषि-कौशल पर भी निर्भर करेगी.
पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड (Pusa HQ PM 5 Improved)
इस किस्म को वर्ष 2020 में लॉन्च किया गया था. यह किस्म मक्का का उत्पादन बढ़ाने और किसानों को लागत कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम किस्मों में से एक है. मक्का की यह किस्म संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण सामान्य किस्मों की तुलना में कम बीमारियाँ पैदा करती है, जिससे किसानों को कीटनाशकों और अन्य दवाओं पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है. पूसा एचक्यूपीएम5 उन्नत किस्म 88 से 111 दिनों में पक जाती है. प्रति हेक्टेयर 104.1 क्विंटल की औसत उपज के कारण देश के कई क्षेत्रों में इस किस्म से बड़े पैमाने पर मक्का का उत्पादन होता है.
एचएम - 11 (HM - 11)
यह देर से पकने वाली किस्म है, जिसे पकने में 95 से 120 दिन का समय लग सकता है. संकर मक्का की यह उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहिष्णु है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह अच्छी उपज देती है. इसके साथ ही संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण किसानों को इस किस्म की मक्का की खेती में लागत भी कम आती है. संकर मक्का की यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रसिद्ध है. इस किस्म से किसान 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकते हैं.