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अरंडी की खेती कर किसान कमा सकते हैं लाखों रूपए, बस इस तकनीक का करना होगा उपयोग

अरंडी की खेती कर किसान कमा सकते हैं लाखों रूपए, बस इस तकनीक का करना होगा उपयोग
 
 एचसी-2, एचसी-3, एचसी-5, क्रांति, ईबी-16ए, सीओ.1, डीसीएच-32, डीसीएस-5आर, डीसीएच-32

अरंडी की खेती कर किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं। आपको बता दें कि अरंडी की खेती जून और जुलाई के महीने में की जाती है। यह ज्यादातर रेगिस्तान के एरिया में होती है।
अरंडी की खेती हलकी और दोमट मिट्टी में उगाई जाने वाली फसल है। हरियाणा राजस्थान ओर पंजाब के अंदर बहुत ही ज्यादा मात्रा में इसकी बुवाई की जाती हे। यह कम पानी और कम समय ओर कम लागत के अंदर  ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है।
और इस फसल की बिजाई करते समय लाइन से लाइन की दूरी 90 सेमी और पौधे  से पौधे की दूरी 45 सेमी को उचित माना गया है। 

अरंडी की बंपर पैदावार लेने के लिए अच्छी क्वालिटी के बीज का चुनाव करें

किसान को अरंडी की फसल की बिजाई के दौरान हाइब्रिड क्वालिटी के बीजों का प्रयोग करना चाहिए। आपको बता दें कि अरंडी की बिजाई के दौरान एक एकड़ के अंदर बीज की मात्रा 1kg रखनी चाहिए। इस तकनीक के उपयोग के बाद किस को एक एकड़ में औसतन लगभग-लगभग 16 से 22 क्विंटल तक अरंडी की पैदावार हो सकती है।
आपको बता दें कि ऐसी बहुत सारी किस्म हैं जो कम लागत में भी बहुत अच्छी पैदावार देती है


जैसे- एचसी-2, एचसी-3, एचसी-5, क्रांति, ईबी-16ए, सीओ.1, डीसीएच-32, डीसीएस-5आर, डीसीएच-32 ,यह सारी किस्मे हलकी और दोमट मिट्टी के अंदर ही अच्छा खासा मुनाफा देने वाली कीश्मो में हैं। इन किस्मो की पकने की अवधी लगभग 170 से 180 दिन की मांनी गई हैं। वर्तमान में अरंडी के तेल की मांग को बढ़ता देख इसे पारंपरिक खेती के तौर पर बहुत ज्यादा मात्रा में अरंडी की खेती की जा रही है। इसकी बढ़ती मांग को देख किसान अरंडी की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और कम लागत के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी काम रहे हैं।