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हरियाणा, राजस्थान के किसान नरमा, कपास की फसल में रखें इन बातों ध्यान, एक एकड़ में 50 मण से अधिक होगा सफेद सोने का उत्पादन

Farmers of Haryana and Rajasthan should keep these things in mind in Narma and cotton crops, the production of white gold in one acre will be more than 50 mands
 
नरमा, कपास

 cotton crops:आज हम किसान भाइयों के लिए कपास की यानी सफेद सोना की उन्नत खेती के लिए छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी जानकारी लेकर आए हैं। कपास की बुवाई के लिए जलवायु , तापमान, भूमि, उनकी बुवाई, सिंचाई किस तरह करनी है। आजकल किसान आधुनिक खेती की तकनीक की जानकारी बहुत कम रखते हैं। जिससे उन्हें कपास की पैदावार कम मिलती हैं। आज हम किसान भाइयों के लिए आधुनिक खेती तकनीक की कुछ जानकारी लेकर आए हैं। आपको बता दें कि हमारा भारत देश कपास की खेती के लिए दूसरे स्थान पर माना जाता है। कपास एक नगदी फसल है, जो प्राकृतिक रेशा प्रदान करती है। इसी वजह से उसे सफेद सोना कहा जाता है कपास की बुवाई के लिए अप्रैल का महीना सही माना गया है इनकी खेती सिंचित भूमि में की जाती है।

कपास की खेती के लिए इस प्रकार करें भूमि का चुनाव 

कपास की खेती के लिए बालू, क्षारीय, जल भराव वाली भूमि ज्यादा मान्य मानी गई है। वैसे किसान हर प्रकार की भूमि में इसकी बिजाई कर सकते हैं।

कपास की खेती के लिए खेत को करें इस प्रकार तैयार

कपास की खेती के लिए खेत की जुताई ज्यादा गहरी मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए और कुछ दिन के लिए उसे खाली छोड़ देना चाहिए। जुताई के बाद में उसमें गोबर की खाद डाल दे व खाद डालने के बाद खेत की दो-तीन बार जुताई करें। जिससे गोबर की खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिक्स हो जाए। इसके बाद खेत की सिंचाई कर दे। जब खेत में पानी सूख जाए तो खेत की जुताई करके मिट्टी को नरम बना ले। इस दौरान खेत में उर्वरक खाद जरूर डालें। एक या दो दिन के बाद खेत की बिजाई करें। ध्यान रहे की कपास की बिजाई शाम के समय में ही करें।
फसल उगाते समय तापमान 15 से 16 डिग्री सेंटीग्रेड अंकुरण के समय 35 से 34 डिग्री सेंटीग्रेड और फसल की बढ़वार के समय 21 से 27 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए।

कपास की टॉप हाइब्रिड वैरायटी

1-वेद प्लैटिनम
2-आदित्य मोक्ष
3-कावेरी मनी मेकर
4-अंकुर 651
5-व्हाइट गोल्ड
ये कपास की पांच वैरायटी किसान भाइयों को ज्यादा उत्पादन देने वाली है।