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हरियाणा प्रदेश के इस जिले में होती है सौंफ की खेती, शाम होते ही सौंफ की खुशबू से पूरा गांव महक उठता है 

हरियाणा प्रदेश के इस जिले में होती है सौंफ की खेती, शाम होते ही सौंफ की खुशबू से पूरा गांव महक उठता है 
 
 सौंफ की खुशबू
जब बात खेती-किसानी की आती है तो अक्सर हम देखते हैं कि किसान परंपरागत खेती से हटकर खेती करने में कम विश्वास करते हैं। हरियाणा प्रदेश में आमतौर पर हमें कपास गेहूं, बाजरा, सरसों, चना, ग्वार और धान आदि की खेती देखने को मिलती है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि हरियाणा प्रदेश में किसान सौंफ की खेती भी कर सकते हैं। देश में सौंफ की खेती मुख्यतः उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में की जाती है। लेकिन हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के एक छोटे से गांव के किसान ने परंपरागत खेती से हटकर सौंफ की खेती कर एक मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं यह किसान सौंफ की खेती से अब लाखों रुपए की आमदनी भी कर रहा है। हम बात कर रहे हैं सिरसा जिले के जोड़कियां गांव के किसान सतबीर देहडु की जो सिरसा जिले में एकमात्र ऐसा किसान है, जिसने सौंफ की खेती कर मिसाल पेश की है।
पहले हरियाणा के किसान परंपरागत खेती गेहूं, कपास, बाजरा, ग्वार, चना, सरसों व धान जैसी परंपरागत खेती ही करते थे। लेकिन समय के साथ-साथ किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़कर अलग खेती करना भी शुरू कर दिया है। किसान अब ऑर्गेनिक खेती पर भी ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। आज हम जिस किसान की बात कर रहे हैं उन्होंने आर्गेनिक सौंफ की खेती करके लाखों रुपए की आमदनी की है। किसान सतबीर देहडू सिरसा जिले के गांव जोड़कियां के रहने वाले हैं। किसान सतबीर देहड़ू ने 
सौंफ की खेती का विचार यूट्यूब पर वीडियो देखने के बाद आया। यूट्यूब पर सौंफ की खेती के वीडियो से प्रभावित होकर सतबीर देहड़ू ने अक्टूबर 2023 में सौंफ की खेती शुरू कर दी। सतबीर सौंफ की एक एकड़ खेती में लगभग 800 ग्राम बीज की आवश्यता पड़ती है। बुआई के बाद सौंफ की फसल लगभग 160-190 दिन में पककर तैयार हो जाती है। किसान सतबीर ने बताया कि सौंफ की फसल एक एकड़ में लगभग 9-10 क्विंटल हो जाती है और बाजार भाव भी लगभग 20 हजार रूपए प्रति क्विंटल के आसपास रहता है। जिससे किसान 6 महीनों में ही सौंफ की खेती कर एक एकड़ से 2 लाख रुपए तक आमदनी ले सकता है।
हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले में सौंफ की खेती करने वाले इस इकलौते किसान ने बताया कि सौंफ की खेती के बारे में किसानों को सही जानकारी हो तो कम समय में ही यह फसल आपको लखपति बना सकती है। उन्होंने कहा कि अब समय बदल चुका है अब किसानों को पारम्परिक खेती छोड़कर ऑर्गेनिक खेती पर ध्यान देने की जरूरत हैं। उन्होंने बताया कि सौंफ की खेती मीेठे पानी में होती है। जिसके लिये किसान सौंफ की खेती करने से पहले अपने खेत में पानी की डिग्गी का निर्माण अवश्य करवा लें। उन्होंने कहा कि सौंफ की फसल तीन सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है। इसकी बिजाई अक्टूबर और कटाई लगभग अप्रैल माह में हो जाती है।
उन्होंने बताया कि सौंफ की पैदावार तो अच्छी हो जाती है, लेकिन मंडी नजदीक नहीं होने के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सौंफ की फसल को बेचने हेतु हमें जोधपुर लेकर जाना पड़ता है। जोधपुर की  सिरसा से दूरी लगभग 500 किलोमीटर पड़ती है। जिससे हमें ट्रांसपोर्ट का बहुत अधिक खर्च वहन करना पड़ता है।