हरियाणा में मिलने वाले इस पौधे की चार पत्तियां शुगर रोग को कर देती हैं जड़ से खत्म, आप भी इसका उपयोग कर जीएं स्वस्थ जीवन
INDIAH1 हरियाणा प्रदेश के अंदर हमें कई सारे ऐसे पौधे देखने को मिल जाएंगे जो रोगों को खत्म करने हेतु संजीवनी बूटी का काम करते हैं। अक्सर हम देखते हैं कि हमारे खेतों में या घरों में बहुत सारे ऐसे पौधे होते हैं, जिनकी वैसे तो कोई कीमत नहीं होती लेकिन अगर इनका सही तरह से आयुर्वेद के हिसाब से उपयोग किया जाए तो यह पौधे कई रोगों में कारगर सिद्ध होते हैं। कुछ खेतों में तो ऐसे पौधे पाए जाते हैं
जो शुगर जैसी बीमारियों को जड़ से खत्म कर देते हैं। आज हम जिस पेड़ या पौधे की बात कर रहे हैं वह हरियाणा के प्रत्येक खेत और घर में आपको मिल जाएगा। यह पौधा शुगर रोग को खत्म करने में काफी एवं भूमिका निभाता है। वैसे तो शुगर एक लाइलाज बीमारी है।
लेकिन हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के रहने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक मोहन पनवारी बताते हैं कि शुगर रोग को अगर हम जड़ से खत्म करना चाहते हैं तो हमें इस पौधे की पत्तियों का सेवन करना चाहिए। मोहन पनवारी बताते हैं कि हरियाणा में पाई जाने वाले नीम के पेड़ की पत्तियां शुगर रोगी को प्रतिदिन औसतन 5 से 6 खानी चाहिए।
नीम का पेड़ हमें हर घर में देखने को मिल जाएगा इसकी पत्तियां खाने से आप देखेंगे कि 15 से 20 दिन के अंदर आपका शुगर लेवल बिल्कुल कंट्रोल में आ जाएगा। नीम के पेड़ की पत्तियां हमें सुबह-सुबह खाली पेट खानी चाहिए। यह पत्तियां शुगर रोग के अलावा पेट से संबंधित आपकी समस्त बीमारियों को भी खत्म कर देगी। नीम की पत्तियां शुगर को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ गैस की बीमारी को खत्म कर पाचन शक्ति को भी बढ़ाती है।
शुगर लेवल को कंट्रोल करने हेतु अपना सकते हैं यह उपाय भी
सही आहार: अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, और फैट्स का संतुलन रखना महत्वपूर्ण है। अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आहार योजना का पालन करें।
नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करना शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. पैदल चलना, योग, और अन्य उपयुक्त व्यायाम का समय निकालें.
वजन नियंत्रण: अगर आप अधिजिरा हैं, तो वजन को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
दवाएं: आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई दवाओं का सख्ती से पालन करें। डॉक्टर की सलाह बिना कभी भी किसी भी दवा का अधिमान ना करें।
नियमित जाँच: नियमित रूप से अपने डॉक्टर की साथ मिलकर अपनी स्थिति की निगरानी रखें. उन्हें आपकी स्थिति को बेहतर समझने में मदद करें और विशेष सुझाव दें।
स्ट्रेस कंट्रोल: स्ट्रेस को कंट्रोल करना भी शुगर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए ध्यान दें कि आप सही तरीके से व्यस्त और स्वस्थ रहें।