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Haryana Fasal Bima: फसलों पर मौसम की मार, ऊपर से इन जिलों के किसानों को नहीं मिल रहा फसल बीमा का लाभ

कंपनियों ने अपने हाथ पीछे खींचे 
 
 
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Haryana News: हरियाणा के हिसार जिले के दो लाख से अधिक किसान धान, कपास, बाजरा, ग्वार आदि खरीफ फसलों की बिजाई करते हैं। 3.18 लाख एकड़ में कपास की बिजाई की गई है। आने वाले महीनों में धान, मक्का और सोयाबीन की बिजाई की जाएगी। प्राकृतिक आपदा के कारण इन फसलों को कोई नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। इस बार भी हिसार सहित 7 जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए कोई कंपनी नहीं आई है। अगर तूफान, ओलावृष्टि, बाढ़, बारिश, बेमौसम बारिश, गुलाबी सूंडी, उखेड़ा से फसलों को नुकसान होता है, तो किसान पूरी तरह से सरकार की दया पर निर्भर होंगे।

2016 में शुरू हुई थी योजना:
2016 में, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश भर में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सभी किसानों की फसलों का बीमा करना और कृषि जोखिम को कम करना था। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं और कीटों या बीमारियों के कारण फसल के नुकसान का सामना करने वाले किसानों को बीमा और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

शुरू में किसानों ने इसका विरोध किया, लेकिन जब बीमा कंपनियों ने अच्छा दावा किया तो किसान इसकी ओर आकर्षित हुए। शुरू में, यह सभी के लिए खुला था, लेकिन बाद में इसे स्वैच्छिक बना दिया गया।

कंपनियों पीछे हटीं:
इस योजना के तहत राज्य के 21 जिलों को 3 समूहों में विभाजित किया गया है और बीमा का लाभ दिया जाता है। हिसार, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, करनाल, अंबाला, सोनीपत, जींद क्लस्टर-2 में हैं। 2021-22 में, बीमा कंपनियों को हिसार, भिवानी में 400 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देना पड़ा और बीमा कंपनी ने क्लस्टर-2 में बीमा करने से इनकार कर दिया। खरीफ 2023-24 के लिए कोई कंपनी नहीं आई। राज्य सरकार ने पिछले महीने किसानों को बीमा की वैकल्पिक सुविधा दी थी। अधिकांश किसानों ने आवेदन नहीं किया है। अब कोई भी कंपनी 2024-25 के लिए भी बीमा कराने को तैयार नहीं है। बीमा कंपनियां कपास, धान, बाजरा, मूंग की खरीफ फसलों का बीमा करती हैं।

इन जिलों को मिल रहा फ़ायदा:
इन 14 जिलों में कुरुक्षेत्र, पंचकूला, फरीदाबाद, कैथल, सिरसा, भिवानी और रेवाड़ी शामिल हैं। ये तीन क्लस्टर रोहतक, मेवात, फतेहाबाद, यमुनानगर, पानीपत, पलवल, झज्जर और चरखी दादरी हैं। इन सभी जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पहले से ही चल रही है।

डॉ. राजबीर सिंह, उप निदेशक, कृषि विभाग, हिसार ने बताया, क्लस्टर 2 में कोई भी कंपनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए नहीं आई। जिसकी वजह से इस क्लस्टर के 7 जिलों में बीमा संभव नहीं है। इस संबंध में अंतिम निर्णय केंद्र द्वारा लिया जाएगा। पिछले साल सरकार ने प्रीमियम वसूल कर बीमा कराया था। अभी तक कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।