India H1

Haryana: ये गेंहू बनाएगी किसानों को मालामाल, किसानों की 5 से 10 क्विंटल तक बढ़ी पैदावार, देखें

पंजाब-हरियाणा में मिले रिकॉर्ड परिणाम  
 
haryana , haryana news ,Karna shivani wheat variety, indian institute of wheat and barley research, karnan icar, iiwbr, biofortified variety, indian council of agricultural research,सबसे अच्छा गेंहू का बीज, सबसे बेहतर गेंहू का बीज कौन सा है , हिंदी न्यूज़ , karnal news, Karnal News in Hindi, Latest Karnal News in Hindi, Karnal Hindi Samachar, कर्ण शिवानी गेहूं किस्म, भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनान आईसीएआर, आईआईडब्ल्यूबीआर, बायोफोर्टिफाइड किस्म, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, हरियाणा समाचार, करनाल समाचार,

Haryana News: भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) करनाल द्वारा विकसित कर्ण शिवानी (डीबीडब्ल्यू 327) ने देश में एक नया उत्पादन रिकॉर्ड बनाया है। पिछले साल किसानों को आपूर्ति की गई और 2021 में जारी की गई इस किस्म ने देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा में शुरुआती परिणामों में प्रति हेक्टेयर पांच से 10 क्विंटल की पैदावार में वृद्धि की है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साल जारी की गई तीन नई किस्में डीबीडब्ल्यू 327 के रिकॉर्ड उत्पादन को पीछे छोड़ रही हैं। इसके साथ, यह उम्मीद की जाती है कि कर्णनगरी की 'कर्ण शिवानी' देश भर के किसानों की पसंदीदा गेहूं की किस्म बन जाएगी।

आईआईडब्ल्यूबीआर द्वारा जारी किए जाने के बाद किसानों तक पहुंचने में दो साल लग गए, इस साल कई किसानों ने इसे अपनाया। अभी तक के प्रारंभिक परिणामों ने असाधारण पैदावार का प्रदर्शन किया है। आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों के सिंचित क्षेत्र के लिए जलवायु-लचीला और जैव-संवर्धित किस्म जारी की गई थी, लेकिन परिणामों पर शोध जारी रहा। पिछले साल 2023 में, इस किस्म को मध्य क्षेत्र के लिए भी अधिसूचित किया गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने भी डीबीडब्ल्यू 327 को सर्वश्रेष्ठ फसल विज्ञान प्रौद्योगिकी के रूप में मान्यता दी थी। इससे संस्थान के वैज्ञानिक खुश हैं। इस गेंहू की किस्म की अधिकतम उपज क्षमता कुछ जगहों पर 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिली है। इसकी औसत उपज 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह गेहूं उत्पादन में नया मानक सिद्ध होता दिख रहा है।

इसके साथ ही भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा इस वर्ष जारी डीबीडब्ल्यू 370, डीबीडब्ल्यू 371 और डीबीडब्ल्यू 372 किस्मों ने न केवल 2021 में जारी डीबीडब्ल्यू 327 की बराबरी की है, बल्कि उत्पादन का रिकॉर्ड भी तोड़ रहे हैं। इसमें कुछ कटाई प्रयोगों में डीबीडब्ल्यू 371 की उपज डीबीडब्ल्यू 327 से अधिक पाई जा रही है।

डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निदेशक, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने कहा कि, गेहूं की नई किस्में इस साल ही कुछ किसानों को दी गई हैं, लेकिन किसान उनकी उपज को लेकर उत्साहित हैं, उम्मीद है कि किसान इन तीन नई किस्मों को अपनाएंगे, जिससे देश में गेहूं की पैदावार तेजी से बढ़ेगी। इसमें चपाती के लिए डीबीडब्ल्यू 370 सबसे अच्छा है, डीबीडब्ल्यू 372 किस्म खेतों में नहीं आती है, जबकि डीबीडब्ल्यू 371 की उपज डीबीडब्ल्यू 327 से भी अधिक है।