Haryana Weather Update: हरियाणा के 8 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट, 16 अगस्त तक खराब रहेगा मौसम, मैप द्वारा समझें पूरा अपडेट
Haryana Rain Alert: मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। इनमें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। यमुनानगर व आसपास क्षेत्र में बारिश के कारण सोम नदी का पानी घरों में घुस गया है।
Aug 11, 2024, 08:29 IST
Haryana Weather Update: हरियाणा में मानसून की दस्तक हो चुकी है। हिसार, सिरसा, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पानीपत, गोहाना, पंचकूला और अंबाला में शनिवार रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कई शहर जलमग्न हो गए हैं।
मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। इनमें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। यमुनानगर व आसपास क्षेत्र में बारिश के कारण सोम नदी का पानी घरों में घुस गया है।
हिसार में शनिवार शाम घोड़ा फार्म रोड पर बारिश में एक दो मंजिला इमारत ढह गई। हाल ही में हुई बारिश के कारण इमारत के सामने एक बड़ा गड्ढा बन गया था। एहतियात के तौर पर इमारत को खाली करा लिया गया।
मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। इनमें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। यमुनानगर व आसपास क्षेत्र में बारिश के कारण सोम नदी का पानी घरों में घुस गया है।
हिसार में शनिवार शाम घोड़ा फार्म रोड पर बारिश में एक दो मंजिला इमारत ढह गई। हाल ही में हुई बारिश के कारण इमारत के सामने एक बड़ा गड्ढा बन गया था। एहतियात के तौर पर इमारत को खाली करा लिया गया।
मानसून 16 अगस्त तक सक्रिय रहेगा।
हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि पंजाब के ऊपर पाकिस्तान के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। इसके साथ ही, मानसून गर्त की धुरी के उत्तर की ओर बने रहने की संभावना है और बंगाल की खाड़ी से मानसून हवाओं के आने से 16 अगस्त तक राज्य में मानसून गर्त के सक्रिय रहने की संभावना है।
हरियाणा के जिलों में कई स्थानों पर और उत्तरी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर और पश्चिम हरियाणा के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 12 और 13 अगस्त को और उत्तरी हरियाणा और उत्तरी हरियाणा के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 14 और 16 अगस्त को हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान तेज हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना है, जिससे दिन का तापमान कम होगा।
अगस्त में मानसून का मौसम
हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अब तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अब तक हर जगह 53.9 मिमी बारिश होने की उम्मीद थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 मिमी बारिश हुई है। इनमें से फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचग्रे 21 'कुला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है।
जुलाई में कम हुई बारिश
हरियाणा में जुलाई में पांच साल में सबसे कम बारिश हुई। 2018 में यहां 549 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। उन्हें नल से पानी चाहिए।
हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि पंजाब के ऊपर पाकिस्तान के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। इसके साथ ही, मानसून गर्त की धुरी के उत्तर की ओर बने रहने की संभावना है और बंगाल की खाड़ी से मानसून हवाओं के आने से 16 अगस्त तक राज्य में मानसून गर्त के सक्रिय रहने की संभावना है।
हरियाणा के जिलों में कई स्थानों पर और उत्तरी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर और पश्चिम हरियाणा के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 12 और 13 अगस्त को और उत्तरी हरियाणा और उत्तरी हरियाणा के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 14 और 16 अगस्त को हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान तेज हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना है, जिससे दिन का तापमान कम होगा।
अगस्त में मानसून का मौसम
हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अब तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अब तक हर जगह 53.9 मिमी बारिश होने की उम्मीद थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 मिमी बारिश हुई है। इनमें से फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचग्रे 21 'कुला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है।
जुलाई में कम हुई बारिश
हरियाणा में जुलाई में पांच साल में सबसे कम बारिश हुई। 2018 में यहां 549 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। उन्हें नल से पानी चाहिए।