Goverment Scheme: क्या आप भी करते हैं गाय-भैंस का पालन तो मिल सकते हैं 5 लाख रुपये, जानें कैसे
सरकार पशुपालकों को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2024 देने की योजना बना रही है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने घोषणा की है कि सरकार द्वारा डेयरी क्षेत्र को विकसित करने और किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
Jul 28, 2024, 13:07 IST
Farmer Scheme: देशी गायों और भैंसों को पालने वालों के लिए अच्छी खबर है। सरकार पशुपालकों को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2024 देने की योजना बना रही है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने घोषणा की है कि सरकार द्वारा डेयरी क्षेत्र को विकसित करने और किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
गायों और भैंसों की स्वदेशी नस्लों का पालन करने वालों को पांच लाख रुपये, तीन लाख रुपये और दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
पुरस्कारों की शुरुआत कब हुई?
सरकार का कहना है कि यह योजना देश में देसी गाय और भैंस के पालन को बढ़ाने के लिए बनाई जा रही है। इसके साथ ही स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस उद्देश्य के साथ, सरकार ने दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की।
तब से, हर साल पशुपालन किसानों, एफपीओ, एमपीसी, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है।
विशेष पुरस्कार की शुरुआत
कृषि मंत्रालय ने इस वर्ष से पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों को ध्यान में रखते हुए एक विशेष पुरस्कार शुरू किया है। ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में डेयरी विकास गतिविधियों को बढ़ाया जा सके। उन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है। ऐसा करने से इन राज्यों में पशुओं का पालन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी।
इस पुरस्कार का नाम राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 पुरस्कार है, जिसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों के अलावा विशेष पुरस्कार भी दिए जाएंगे। पहली दो श्रेणियों और एमपीसी, डीसीएस/एफपीओ के तहत डेयरी किसानों को योग्यता प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह के साथ मौद्रिक पुरस्कार दिए जाएंगे।
द्वितीय श्रेणी में 3,00,000 लाख रुपये,
तृतीय श्रेणी के अंतर्गत 2,00,000 लाख रुपये,
गायों और भैंसों की स्वदेशी नस्लों का पालन करने वालों को पांच लाख रुपये, तीन लाख रुपये और दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
पुरस्कारों की शुरुआत कब हुई?
सरकार का कहना है कि यह योजना देश में देसी गाय और भैंस के पालन को बढ़ाने के लिए बनाई जा रही है। इसके साथ ही स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस उद्देश्य के साथ, सरकार ने दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की।
तब से, हर साल पशुपालन किसानों, एफपीओ, एमपीसी, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है।
विशेष पुरस्कार की शुरुआत
कृषि मंत्रालय ने इस वर्ष से पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों को ध्यान में रखते हुए एक विशेष पुरस्कार शुरू किया है। ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में डेयरी विकास गतिविधियों को बढ़ाया जा सके। उन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है। ऐसा करने से इन राज्यों में पशुओं का पालन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी।
इस पुरस्कार का नाम राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 पुरस्कार है, जिसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों के अलावा विशेष पुरस्कार भी दिए जाएंगे। पहली दो श्रेणियों और एमपीसी, डीसीएस/एफपीओ के तहत डेयरी किसानों को योग्यता प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह के साथ मौद्रिक पुरस्कार दिए जाएंगे।
कितना मिलेगा पुरस्का
पहली श्रेणी में 5,00,000 लाख रुपये,द्वितीय श्रेणी में 3,00,000 लाख रुपये,
तृतीय श्रेणी के अंतर्गत 2,00,000 लाख रुपये,
इसके अलावा स्पेशल पुरस्कार जो उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए शुरू किया गया है उसमें 2,00,000 रुपये.