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Haryana Weather Update: 3 दिन बाद फिर सक्रीय हुआ मानसून, आज बिजली की कड़कड़ाहट के साथ 11 जिलों में बारिश का अलर्ट; देखें पूर्वानुमान 

हरियाणा में 3 दिनों के बाद मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने राज्य के 11 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
 
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Haryana Weather Update: हरियाणा में 3 दिनों के बाद मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने राज्य के 11 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ये शहर भिवानी, बेरी खास, सांपला, रोहतक, बवानी खेड़ा, हांसी, खरखोदा, सोनीपत, महम, गोहाना और जुलाना हैं। 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग ने राज्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि, कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई है।

वहीं, 24 घंटे में राज्य के 6 जिलों में भारी बारिश हुई। जिले में 21 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने पहले ही आज और कल भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है।

जिन जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है उनमें अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद और पलवल शामिल हैं। इन जिलों को मौसम विभाग ने आइसोलेटेड कैटेगरी में रखा है, यहां 25% तक बारिश हो सकती है। करनाल, पानीपत और यमुनानगर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इन जिलों को गहरे हरे रंग की श्रेणी में शामिल किया गया है।

6 जिलों में भारी बारिश की संभावना

हरियाणा के छह जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है। सबसे अधिक बारिश हिसार में 21.0 मिमी दर्ज की गई। अंबाला में 14.0 मिमी बारिश दर्ज की गई। यमुनानगर, पानीपत, जींद और करनाल में हल्की बारिश हुई। इससे इन जिलों में दिन के तापमान में गिरावट आई है।

अगस्त में मानसून का मौसम

हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अब तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अब तक हर जगह 53.9 मिमी बारिश होने की उम्मीद थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 मिमी बारिश हुई है। फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला और पानीपत जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई।

जुलाई में कम हुई बारिश

हरियाणा में जुलाई में पांच साल में सबसे कम बारिश हुई। 2018 में यहां 549 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। उन्हें नल से पानी चाहिए।