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School Fees Hike: दिल्ली में निजी स्कूलों ने बड़ाई मिड्डल क्लास फैमली की चिंता, अब जेब से देने पड़ेंगे 20 प्रतिशत पैसा, जानें 

Delhi News: यह विद्यालय एक सरकारी एजेंसी द्वारा आवंटित भूमि पर चलाया जाता है। मौजपुर निवासी रमेश कुमार ने कहा कि उनका बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ता है। स्कूल से बच्चे का कोर्स 7900 रुपये में प्राप्त हुआ था।
 
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Delhi News: निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ गया है। कई स्कूलों ने फीस में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। माता-पिता अत्यधिक कीमतों पर किताबें खरीदने के लिए मजबूर हैं। साथ ही वर्दी खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। द्वारका निवासी प्रवीण माधव का बेटा छठी कक्षा का छात्र है और एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ता है।

पिछले साल की तुलना में, उनके बच्चे के स्कूल के खर्च में 1,500 रुपये की वृद्धि हुई है। प्रवीण ने बताया कि स्कूल ने ट्यूशन फीस, वार्षिक और विकास शुल्क सहित कुल फीस में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि की है। परिवहन शुल्क में दस प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि फीस बढ़ाने के लिए अनुमति लेनी होगी, लेकिन स्कूल ने नए सत्र के लिए फीस बढ़ा दी है।

यह विद्यालय एक सरकारी एजेंसी द्वारा आवंटित भूमि पर चलाया जाता है। मौजपुर निवासी रमेश कुमार ने कहा कि उनका बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ता है। स्कूल से बच्चे का कोर्स 7900 रुपये में प्राप्त हुआ था। वर्तमान में, लगभग 8100 रुपये शुल्क का भुगतान किया जाना बाकी है। स्कूल की फीस प्रति माह लगभग 4300 रुपये है। शुल्क का भुगतान पिछले वर्ष की तुलना में लगभग नौ से दस प्रतिशत अधिक करना होगा।

अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के वरिष्ठ सलाहकार मृदुल अवस्थी ने कहा कि किसी भी स्कूल की अर्थव्यवस्था फीस पर निर्भर करती है। विद्यालय के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन में भी प्रतिवर्ष वृद्धि करनी होगी। इसके अलावा, स्कूल के सुचारू संचालन के लिए अन्य खर्चों को भी वहन करना आवश्यक है। यह सब कीमत पर निर्भर करता है।

इसी तरह, परिवहन की मात्रा बढ़ाने की मजबूरी है। शिक्षा निदेशालय के आदेश के अनुसार, सरकारी एजेंसी द्वारा आवंटित भूमि पर संचालित निजी स्कूल शैक्षणिक सत्र 2024-25 में बिना अनुमति के ट्यूशन फीस/शुल्क नहीं बढ़ा सकते हैं। अगर कोई स्कूल फीस बढ़ाता है तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

निदेशालय ने स्कूलों को 15 अप्रैल तक शुल्क वृद्धि के संबंध में एक प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। स्कूलों को 15 अप्रैल तक वेबसाइट पर रिटर्न और दस्तावेज अपलोड करने के लिए कहा गया है।

गौतम दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अपराजित गौतम ने कहा कि माता-पिता को आज तक नहीं पता कि स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति कब और कितनी दी गई थी। कानूनी शुल्क कितना दिया जाना है? विभाग द्वारा ऐसा कोई दस्तावेज सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है। इसके लिए माता-पिता को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है।

गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की अरोड़ा एक्शन कमेटी के अध्यक्ष भरत अरोड़ा ने कहा कि डीएसईएआर 1973 की धारा 17 सी में प्रावधान है कि शुल्क वृद्धि की सूचना 31 मार्च से पहले शिक्षा विभाग को दी जानी चाहिए। स्कूलों के अगले वर्ष का खर्च स्कूल की बढ़ी हुई फीस के आधार पर तय किया जाता है, जो अनिवार्य है।