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हरियाणा के 6 जिलों में आज भी बारिश का अलर्ट, जानें आने वाले तीन  दिनों तक कैसा रहेगा मौसम 

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि मानसून की हवाओं के कारण 16 अगस्त तक मानसून की गतिविधियां तेज रहेंगी।
 
हरियाणा के 6 जिलों में आज भी बारिश का अलर्ट

Haryana Weather Update: हरियाणा में तीन दिनों से मानसून पूरी तरह सक्रिय है। मौसम विभाग ने 6 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं।

पिछले 24 घंटों में औसत वर्षा 13.8 मिमी है। इससे वर्षा में कमी सामान्य के 23% से घटकर 19% हो गई। 19 प्रतिशत तक की कमी को सामान्य माना जाता है। इस मौसम में पहली बार बारिश सामान्य रही है। 12 जिलों में सामान्य बारिश हुई है जबकि 10 जिलों में सामान्य या अधिक बारिश हुई है।‎

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि मानसून की हवाओं के कारण 16 अगस्त तक मानसून की गतिविधियां तेज रहेंगी। राज्य में 15 से 16 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है।

 24 घंटे में नदी का बहाव 33 हजार क्यूसेक से अधिक
पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण मार्कंडा नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। 24 घंटे में नदी का बहाव 33 हजार क्यूसेक से अधिक तक पहुंच गया है। यह खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर है। नदी का पानी कुरुक्षेत्र के आसपास बसे कई गांवों में घुस गया है। खेतों में पानी घुस गया है। वहीं, सोम नदी में पानी का बहाव कम हुआ है, लेकिन खेतों में रेत आ गई है, जिससे फसल बर्बाद हो गई है।

यमुनानगर में, बामनोली के पास सोम नदी के तटबंध को तोड़ने के बाद आस-पास के गांव जलमग्न हो गए। लोग अपने घरों से पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं। गुरुग्राम के सेक्टर 70 में भारी बारिश के कारण एक सड़क ढह गई।

यमुनानगर के साढौरा में ‎नकटी नदी के नजदीक लगते 2 घर बाढ़ के पानी की चपेट में आ‎ गए। इनकी छतें व दीवारें ढह गईं। वार्ड 13 के रहने वाले फजलुर‎रहमान व दिलशाद के मकान की दीवार पानी आने की वजह से बैठ गई और उनकी छतें गिर गईं। घर वालों का कहना है कि वह‎ बेघर हो चुके हैं। सोमवार को साढौरा सरकारी स्कूल की एहतियातन छुट्टी करनी‎ पड़ी। क्योंकि स्कूल तालाब में तब्दील हो चुका है। 4-4 फीट पानी ‎स्कूल में जमा है।

स्कूल में रखा फर्नीचर व फाइलें, बिजली सोलर‎ सिस्टम तमाम पानी की वजह से बर्बाद हो चुका है। बाढ़ आने के ‎कारण के लिए कस्बा वासियों का कहना है कि प्रशासन ने जो तटबंध‎ नकटी नदी में लगाया है वो बीच में लगा दिया है। इस कारण नदी की‎ चौड़ाई कम हो गई।

10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश

अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है।

जुलाई में कम हुई बरसात

हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।