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हरियाणा के किसानों को सैनी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, ट्रांसफार्मर चोरी या खराब होने की स्थिति में नहीं लगेगा शुल्क, आदेश जारी 

Haryana News: उपभोक्ताओं से ट्रांसफार्मर के चोरी या प्राकृतिक आपदाओं से खराब होने की स्थिति में बदलने या मरम्मत करवाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा जबकि पहले उपभोक्ताओं द्वारा ट्रांसफार्मर के वारंटी में खराब चोरी होने पर उसकी कीमत का 20 प्रतिशत और वारंटी खत्म होने पर बदलने की स्थिति में ट्रांसफार्मर की कीमत का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करवाया जाता था।
 
ट्रांसफार्मर चोरी या खराब होने की स्थिति में नहीं लगेगा शुल्क, आदेश जारी 

Haryana News: सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ा निर्णय लेते हुए ट्रांसफार्मर के चोरी/खराब होने की स्थिति में उनसे शुल्क न लेने का निर्णय लिया है। यह दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार 15 जनवरी 2024 को अधिसूचित एचईआरसी विद्युत आपूर्ति सहिता विनियमन में संशोधन किया गया है।

Haryana विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार 15 जनवरी, 2024 को अधिसूचित एचईआरसी विद्युत आपूर्ति संहिता विनियमन, 2014 में संशोधन किया गया है।

 संशोधन के अनुसार, अब उपभोक्ताओं से ट्रांसफार्मर के चोरी या प्राकृतिक आपदाओं से खराब होने की स्थिति में बदलने या मरम्मत करवाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। जबकि पहले उपभोक्ताओं द्वारा ट्रांसफार्मर के वारंटी में खराब/चोरी होने पर उसकी कीमत का 20 प्रतिशत तथा वारंटी खत्म होने पर बदलने की स्थिति में ट्रांसफार्मर की कीमत का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करवाया जाता था।

संशोधन के अनुसार अब उपभोक्ताओं से ट्रांसफार्मर के चोरी या प्राकृतिक आपदाओं से खराब होने की स्थिति में बदलने या मरम्मत करवाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा जबकि पहले उपभोक्ताओं द्वारा ट्रांसफार्मर के वारंटी में खराब चोरी होने पर उसकी कीमत का 20 प्रतिशत और वारंटी खत्म होने पर बदलने की स्थिति में ट्रांसफार्मर की कीमत का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करवाया जाता था।

ट्रांसफार्मर बदलने या मरम्मत करने की एवज में किसानों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता था। इसे देखते हुए ही सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मौजूदा प्रावधानों को संशोधित किया है ताकि किसानों पर अतिरिक्त लागत का बोझ न पडे। इस कदम से प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।