बारिश के मौसम में खासकर रखें दुधारू पशुओं का ध्यान दूध बढ़ाने के लिए अपनाएं यह घरेलू आहार
दुधारु पशुओ का बारिश के मौसम में दूध बढ़ाने के साथ-साथ स्वस्थ का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है ओर ध्यान के साथ-साथ अपनाऐ कुछ घरेलू आहार पशुपालन और डेयरी फार्मिंग करने के लिए बारिश के दीनो मे इन दो चीजों का होना बहुत जरूरी है। एक तो पशुओं का बेहतर स्वास्थ्य और दूसरा अच्छी मात्रा में दूध का उत्पादन। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पशुओ के रख-रखाव, साफ-सफाई, खान-पान, स्वास्थ्य और बाहर घूमाने पर बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है
आजकल लोग दुध का उत्पादन बडाने के लिए कई तरह के इंजेक्शनों का प्रयोग करते हैं जो पशुओ के स्वास्थ्य के लिए बहुत हि घातक साबित होते हैं।
ऐसे में पशु चिकित्सक भी स्थानीय और घरेलू उपचार अपनाने की हर रोज सलाह देते रहते हे जो पशुओ के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माना गया हे।और पशु मालिकों को इन पर कोई एक्स्ट्रा पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए बारिश के मौसम में दुधारू पशुओं को क्या खिलाया जाएगा ताकी दुध का उत्पादन अच्छा हो
बारिश के मौसम में यह आहार दुधारु पशुओ को अवश्य खिलाएं
दूध देने वाले पशुओं को खिलाने बाले आहार में दाल और गैर-दाल का मिश्रण शामिल होना बहुत जरुरी होता है। पांच लीटर तक दूध देने वाले पशुओं को केवल अच्छी गुणवत्ता वाला हरा चारा खिलाने से अच्छे दूध का उत्पादन किया जा सकता है।
जो पशु 5 लीटर से अधिक दूध उत्पादन करता है तो उसे 2.0 या 2.50 लीटर दूध पर 1 किग्रा. अनाज ज्यादा देना चाहिए. यदि अनाज में एक भाग खली, एक भाग अनाज और एक भाग चोकर हो तो वह संतुलित एवं सस्ता रहता है। अनाज में 2 प्रतिशत खनिज लवण और 1 प्रतिशत नमक का होना बहुत जरूरी है। बरसीन तथा अन्य फलीदार चारे को भूसे के साथ मिला कर देना चाहिए।
इससे पशुओं को बारीश वाले मौसम मै किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है। पशुओ को अनाज और चारा मिलाकर खिलाना चाहिए या यूं मानो कि इसकी चुरी बनाकर भी खिला सकते हैं ओर चुरी बनाने से पहले इस बात का खासकर ध्यान रखें कि चारे को टुकड़ों में काट लें, नहीं तो पशु अपनी पसंद का हिस्सा चुनकर खा लेता है और मोटे या अधिक रेशेदार टुकड़े एक साईड छोड़ देता है
दूध न देने वाले पशुओं के लिए बारिश के मौसम मे कितना आहार देना चाहीए
जो भी गाय या भैंस दूध नहीं दे रही हैं तो उन्हें आहार की आवश्यकता नही होती है। इस अवस्था में उनकी अधिकतम आवश्यकता 6-8 घंटे चरने से पूरी हो जाती है। यदि चारागाह अच्छा न हो तो 1-1.50 किलोग्राम सूखा चारा डालें। ताकी प्रतिदिन पशुओं को दाना मिलाकर खिलाना चाहिए। इस प्रकार के पशुओं को यूरिया उपचारित भूसा खिलाकर अनाज बचाया जा सकता है
पशुओं को हरा चारा कैसे खिलाए
पशुओं को केवल हरा चारा खिलाने से दूध उत्पादन नहीं बढ़ेगा, क्योंकि हरे चारे या सूखे चारे के साथ-साथ खनिज और कैल्शियम की भी आपूर्ति करें। इसके लिए पशु चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लेकर पशुओं को चारे के साथ प्रो पाउडर, मिल्क बूस्टर, मिल्कगेन आदि खिला सकते हैं।
पशुओ का आहार कितनी मात्रा में तैयार करें ताकी अच्छा बन सके
आपको बता दें कि संतुलित आहार खिलाने से ही पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन में सुधार हो सकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पशु को प्रतिदिन 20 किलो चारा खिलाना जरूरी होता है ओर पशुओं को हरा चारा, 4 से 5 किलो सूखा चारा और 2 से 3 किलो अनाज व चूरी मिलाकर खिलाएं पशुओं को केवल हरा चारा खिलाने से दूध उत्पादन नहीं बढ़ेगा, इसलिए हरे चारे या सूखे चारे के साथ-साथ खनिज और कैल्शियम की भी जरूरी होती है इसके लिए पशु चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लेकर पशुओं को चारे के साथ प्रो पाउडर, मिल्क बूस्टर, मिल्कगेन आदि भी अवश्य खिला सकते हैं