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सरकार ने किसानों की कर दी बल्ले बल्ले, प्याज देगा अबकी बार किसानों को लाखों की आमदनी

सरकार ने किसानों की कर दी बल्ले बल्ले, प्याज देगा अबकी बार किसानों को लाखों की आमदनी
 
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केंद्र सरकार ने अबकी बार किसानों की बल्ले बल्ले कर दी है। जिन किसानों ने प्याज की खेती कर रखी है उनको अबकी बार यह फसल लाखों रुपए का मुनाफा देकर जाने वाली है। यह बात हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने छह देशों को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। देश में इस बार लगभग 800 लाख टन प्याज का उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

ऐसे में सरकार ने प्याज के निर्यात की अनुमति देकर किसने की बल्ले बल्ले कर दी है। ज्ञात हो कि प्याज की नई फसल के आने के बाद खुले बाजार में प्याज की गिरती कीमतों ने किसानों को बेचैन कर रखा है। केंद्र सरकार ने पांच माह से प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाकर काफी हद तक किसानों को राहत देने का प्रयास किया है, लेकिन सरकार के इस कदम को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

माना जा रहा है कि किसानों को साधने के लिए यह कदम उठाया गया है। केंद्र ने दो दिन पहले छह देशों बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मारीशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। इसके साथ ही केंद्र ने मध्य-पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों के बाजारों के लिए विशेष रूप से उपजाए गए दो हजार टन सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। किसान इसे नाकाफी मान रहे हैं।

देश में इस बार लगभग 800 लाख टन प्याज उत्पादन का अनुमान है। ऐसे में सिर्फ 99 हजार टन प्याज के निर्यात की अनुमति देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। किसानों की मांग है कि कम से कम 15 लाख टन प्याज के निर्यात को मंजूरी दी जाए।

पिछले वर्ष प्याज की खरीफ और रबी दोनों फसलों का उत्पादन कम हुआ था, जिसके चलते दाम बढ़ने लगे थे। केंद्र सरकार ने बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर बढ़ते दाम पर नियंत्रण के लिए पिछले आठ दिसंबर को निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। यह अवधि 31 मार्च को खत्म हो रही थी, किंतु चुपचाप इसे आगे बढ़ा दिया गया। देश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है। इस बार भी बंपर उत्पादन हुआ है।

ऐसे में निर्यात पर प्रतिबंध के चलते घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ ग ई और कीमत लगातार गिरने लगी। उपभोक्ताओं के लिए तो यह राहत की बात है, लेकिन किसानों की परेशानी यहीं से शुरू हो गई। पर्याप्त भंडारण की समस्या के कारण किसान अपनी फसल को औने-पौने कीमत में बेचने पर मजबूर होने लगे। ऐसे में केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात की अनुमति देकर किसानों एवं उपभोक्ताओं में संतुलन साधने का प्रयास किया है।

पांच लाख टन प्याज का भंडारण

मूल्य नियंत्रण कोष के तहत केंद्र सरकार ने रबी प्याज की बफर खरीद का लक्ष्य इस वर्ष पांच लाख टन निर्धारित किया है। केंद्रीय खरीद एजेंसियां भंडारण योग्य प्याज की खरीद शुरू करने के लिए एफपीओ समेत अन्य स्थानीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। शीतगृहों एवं स्टाक में भंडारण के दौरान प्याज के होने वाले नुकसान को घटाकर दस प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जा रहा है।