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ठंड के मौसम में भी अब पौधों की वृद्धि नहीं रुकेगी! बीएचयू वैज्ञानिकों ने की नई खोज

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिक डॉ. जेपी मौर्य ने फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम (यूके), स्वीडन और चीन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक शोध किया है, जिससे यह पता चला कि ठंड के मौसम में पौधों का विकास क्यों रुक जाता है और इसे कैसे सक्रिय रखा जा सकता है। यह शोध विश्वस्तरीय जर्नल "द ईएमबीओ जर्नल" में प्रकाशित हुआ है, जो ठंड के दौरान फसलों की निष्क्रियता को समाप्त करने का समाधान प्रदान करता है।
 
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Agriculture News: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिक डॉ. जेपी मौर्य ने फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम (यूके), स्वीडन और चीन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक शोध किया है, जिससे यह पता चला कि ठंड के मौसम में पौधों का विकास क्यों रुक जाता है और इसे कैसे सक्रिय रखा जा सकता है। यह शोध विश्वस्तरीय जर्नल "द ईएमबीओ जर्नल" में प्रकाशित हुआ है, जो ठंड के दौरान फसलों की निष्क्रियता को समाप्त करने का समाधान प्रदान करता है।

ठंड में पौधों की वृद्धि क्यों रुकती है?

ठंड के मौसम में जब तापमान गिरता है और दिन छोटे हो जाते हैं, तो पौधे ठंड का संकेत महसूस करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, पौधों के "शूट एपिकल मेरिस्टेम" (एसएएम), जो उनके विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं, निष्क्रिय हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के कारण पौधे सुप्त अवस्था में चले जाते हैं, जिससे उनकी वृद्धि रुक जाती है। विशेष रूप से आलू और सरसों जैसी फसलें इस समस्या से प्रभावित होती हैं।

वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण खोज

इस शोध में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि ठंड के दौरान पौधों के अंदर कुछ विशेष प्रोटीन और हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे उनका विकास रुक जाता है। शोधकर्ताओं ने इन प्रोटीन और हार्मोनों की पहचान की है और पाया है कि यदि इन्हें ठंड में सक्रिय रखा जाए, तो पौधों की वृद्धि जारी रखी जा सकती है।

ठंड में फसल उत्पादन को कैसे बढ़ावा मिलेगा?

इस अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ है कि पौधे सामान्यतः वसंत ऋतु में सक्रिय होते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे ठंड के मौसम में भी उनकी निष्क्रियता को समाप्त किया जा सकेगा। इस शोध का लाभ विशेष रूप से ठंड में प्रभावित होने वाली फसलों जैसे आलू और सरसों के उत्पादन में देखा जा सकेगा।