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बाग लगाने का उत्तम समय है जुलाई का महीना, बाग लगाने पर बागवानी विभाग दे रहा है सब्सिडी।

बाग लगाने का उत्तम समय है जुलाई का महीना, बाग लगाने पर बागवानी विभाग दे रहा है सब्सिडी।
 
 बागवानी

किसानों को फलों की खेती की ओर प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी विभाग प्रति एकड़ अनुदान दे रहा है। खरीफ सीजन में धान, मक्का और बाजरे की परंपरागत खेती के मुकाबले फलों की खेती में पानी की कम आवश्यकता होती है। भू-जल के घटते स्तर के मद्देनजर हरियाणा सरकार किसानों को बागवानी की ओर प्रेरित करने की कोशिश कर रही है, जिसमें काफी ज्यादा आमदनी की गुंजाइश भी है। जुलाई माह बाग लगाने का सबसे सही समय है। बरसात के दिनों में पौधों की ग्रोध भी ज्यादा होती है। बागवानी विभाग

प्रदेश में 7 हजार एकड़ पर सब्सिडी दे रहा है। बाग लगाने के इच्छुक किसान अनार, आंवला, आडू, अमरूद, आम, नींबू, बेर, लीची, नाशपाती, पपीता जैसे फलों के बाग लगा सकते हैं। इसके लिए बागवानी विभाग प्रति एकड़ अनुदान देगा। नया बाग लगाने पर प्रति एकड़ 23 हजार रुपए, जिस किसान ने पिछले साल उसी खेत में धान लगाई थी और इस बार बाग लगा रहा है, इसके लिए सात हजार अतिरिक्त मिलेंगे, पहली और दूसरी साल दस-दस हजार रुपए बाग के रखरखाव के लिए किसानों को मिलेंगे।


जिला बागवानी  ने बताया कि जो भी किसान बाग लगाने की योजना बना रहे हैं, उन के लिए खेत में गड्ढे खोदने का सही समय है। तीन- तीन फीट के गड्ढे खोद लें। इसमें से मिट्टी निकालकर ऊपर वाली मिट्टी में खाद मिलाकर दोबारा गड्ढे को भर दे। बरसात होने के बाद बाग लगाना शुरू करें। अमरूद का बाग लगाना है तो इसके लिए 20 बाई 20 पर गड्ढे खोदें। इसके बाद अमरूद के पौधे लगाएं। एक एकड़ में 110 पौधे लगाए जा सकते हैं। इससे ज्यादा भी लगा सकते हैं। बाग लगाने के इच्छुक किसान खंडस्तर पर बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

नए पौधे की रोपाई से पहले गोबर की खाद डालें, पशुओं से बचाने के लिए तारबंदी करें प्रदेश की जलवायु अनार नार, आंवला, आडू, अमरूद, आम, नींबू बेर, लीची, नाशपाती, पपीते के लिए सही है।

मिट्टी पेड़ों को भी रास आ गई है तथा जो किसान बगीचे की अच्छी तरह संभाल करता है, वह बाग से अच्छी आमदन ले सकता है। नए पौधों की रोपाई से पहले गोबर की खाद अवश्य डालें। समय-समय पर पेड़ों की देखभाल करते रहें। पशुओं से पेड़ों एवं फसल की रक्षा के लिए बगीचे के चारों तरफ लोहे के मोटे तार वाली जाली की बाड़ या दीवार बनाएं। कई जगह नील गाय ज्यादा हैं, इसके अलावा आवारा पशु भी छोटे पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं।