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Haryana Farmer News: हरियाणा में गेहूं कटाई में हो रही है देरी, जानिए किसानों के लिए कितना नुक्शानदायक है या फायदा 

Haaryana में गेहूं की कटाई में देरी हो रही है। हालांकि, राज्य में गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई है। हालांकि, अभी तक कई मंडियों में गेहूं का एक भी दाना नहीं आया है।
 
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Haryana news: इस साल लंबे समय से चल रही ठंड के कारण हरियाणा में गेहूं की कटाई में देरी हो रही है। हालांकि, राज्य में गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई है। हालांकि, अभी तक कई मंडियों में गेहूं का एक भी दाना नहीं आया है। कई मंडियों में सन्नाटा है। वहीं, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 20 अप्रैल के बाद कटाई में तेजी आने की संभावना है। उनके अनुसार, गर्मियों की शुरुआत में देरी से गेहूं की पैदावार में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक वीरेंद्र सिंह लाठेर ने कहा कि आमतौर पर गेहूं अप्रैल के पहले सप्ताह में अनाज बाजारों में आने लगता है, लेकिन इस साल मार्च के दौरान कम तापमान के कारण गेहूं की फसल के पकने में 10-15 दिन की देरी हुई।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस से 4 डिग्री सेल्सियस कम है, जिससे कटाई की प्रक्रिया में और देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई बैसाखी के बाद शुरू होगी और 20 अप्रैल के बाद इसमें तेजी आएगी।

इस वजह से गेहूं की बुवाई में देरी हो रही है।
कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गुरबचन सिंह का कहना है कि मार्च में बार-बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति ने किसानों के लिए एक चुनौती पेश की है, जिसके कारण फसलों की कटाई में देरी हुई है। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि पूरे मौसम में लगातार अनुकूल तापमान के कारण गेहूं की उपज पिछले मौसम की तुलना में अधिक होगी। सिंह ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि के साथ कुछ क्षेत्रों में तेज हवाओं ने फसल को नुकसान पहुंचाया है और इससे पूरे राज्य में उपज कम हो सकती है।

आंकड़ों के अनुसार, करनाल जिले में इस बार 3.80 लाख एकड़ जमीन पर गेहूं की खेती की गई है और विभाग ने प्रति एकड़ औसतन 23 क्विंटल उपज का अनुमान लगाया है। जिला प्रशासन इस सीजन में लगभग 8 लाख मीट्रिक टन (एमटी) के प्रवाह की उम्मीद कर रहा है, जबकि पिछले सीजन में 7.8 लाख एमटी था।

कल खबर आई थी कि हरियाणा में गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हुए एक सप्ताह हो गया है, लेकिन इसके बावजूद खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक नहीं हो रही है। किसान अपनी उपज बेचने के लिए खरीद केंद्रों पर नहीं आ रहे हैं। गौरतलब है कि सोनीपत और पानीपत जिलों की अनाज मंडियों में गेहूं की फसल की आवक अभी शुरू नहीं हुई है, जबकि इसकी खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई है। इसके अलावा, खाद्यान्न उठाने और परिवहन के लिए निविदाएं भी आवंटित नहीं की गई हैं।