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Sucess Story: सिरसा के खेड़ी गांव में रहने वाले इस किसान की है अध्भुत कहानी, इनके संघर्ष के आगे बड़े बड़े लोग करते है नतमस्तक 

 हरियाणा प्रदेश में आपको ज्यादातर संख्या में खेतों में काम करते हुए किसान मिल जाएंगे। क्योंकि किसानों को हरियाणा प्रदेश की रिड की हड्डी माना जाता है। 
 
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Success story: हरियाणा प्रदेश में आपको ज्यादातर संख्या में खेतों में काम करते हुए किसान मिल जाएंगे। क्योंकि किसानों को हरियाणा प्रदेश की रिड की हड्डी माना जाता है। हरियाणा प्रदेश में किसान दिन-रात मेहनत कर संपूर्ण देश का पेट भरने का काम करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि हरियाणा प्रदेश के खेतों में काम करने वाला एक किसान मुंबई के 5 स्टार होटलों में भी रुक सकता है। 

यह बात हमारी कल्पना से भी दूर है। क्योंकि इन फाइव स्टार होटल में एक रात रुकने का खर्चा ही लाखों रुपए आ जाता है। दूसरे शब्दों में कहीं तो किसान अपने एक वर्ष मेहनत की कमाई खर्च करता है तो एक दिन इस होटल में ठहर सकता है। लेकिन हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसके अनुसार हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले का किसान कृष्ण खालिया आजकल मुंबई के  5 स्टार होटल में रुका हुआ है जहां एक रात का लाखों रुपए खर्च आता है। यह संभव तब हो पाया जब कृष्ण खालिया ने अपने बेटे सुभाष को पढ़ा लिखा कर बड़ा अधिकारी बनाया। सुभाष ने बड़ा अधिकारी बनने के बाद अपने पिता की सपनों को पूरा करने हेतु उन्हें मुंबई की यात्रा के लिए बुलाया और फाइव स्टार होटल में ठहरने का अवसर दिया।

सुभाष चंद्र सीआईएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर है तैनात

हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के गांव खेड़ी के कृष्ण खालिया के मुंबई में 5 स्टार होटल में रुकने की जो बात हम आपको बता रहे हैं, यह उनके बेटे सुभाष चंद्र की मेहनत के चलते संभव हो पाया है। आपको बता दे कि आज से कुछ वर्ष पहले सुभाष चंद्र ने सीआईएसफ का एग्जाम क्लियर कर सब इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था। 

सुभाष कुमार की ड्यूटी सीआईएसफ में सब इंस्पेक्टर के तौर पर मुंबई में बड़े कॉरपोरेट ऑफिस में ड्यूटी है। सुभाष चंद्र ने बताया कि मैंने जब सब इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था तब मेरा सबसे बड़ा सपना था कि मेरे माता-पिता को मुंबई जैसे बड़े शहरों की यात्रा करवा कर बाहर की दुनियादारी से परिचित करवाना था। क्योंकि हम जिस क्षेत्र और समाज से आते हैं वहां पर हमारी दुनिया घर से खेत और खेत से घर तक ही सीमित रहती है। मेरे पिता ने मुझे कामयाब करने हेतु अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। अब मेरा वक्त है कि मुझे भी मेरे पिता के हर सपने को पूरा करना चाहिए।


मुंबई आकर ऐसा लगा कि यह दुनिया वो दुनिया नहीं है जहां हम रहते हैं

कृष्ण खालिया ने बताया कि हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुंबई आकर इतने बड़े होटल में रुक सकते हैं और बड़े-बड़े बिजनेसमैन से मुलाकात कर सकते हैं। क्योंकि हम पेसे से किसान हैं और हमारी दुनिया हमारा गांव और खेत होता है। यहां आकर तो हमें ऐसा लगता है जैसे किसी दूसरी दुनिया में आ गए हो। हमारा मुंबई देखने का सपना हमारे बेटे सुभाष के सीआईएसफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन होने पर ही संभव हो पाया है।