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अधिक गर्मी की वजह से सब्जियों की खेती हुई खराब। गर्मी की मार से प्याज के भाव बढ़े तीन गुना।

अधिक गर्मी की वजह से सब्जियों की खेती हुई खराब। गर्मी की मार से प्याज के भाव बढ़े तीन गुना।
 
प्याज के भाव बढ़े तीन गुना

एक सप्ताह पहले जिले में प्रचंड गर्मी से सब्जियों की खेती बर्बाद हो चुकी है। जिसका सीधा असर सब्जियों के दाम पर पड़ा है। प्याज के बढ़े दाम से लोगों की आंखों में आंसू आ गए हैं। एक पखवाड़ा पहले 17 रुपये बिकने वाले प्याज के भाव अब 40 से 50 रुपए प्रति किलो तक पहुंचे हैं।

रसोई में गृहणियों को दाल और सब्जियों में जायका लगाना भी भारी पड़ने लगा है। वहीं होटलों में खाने की थाली से सलाद में प्याज गायब हो चुका है। इतना ही नहीं टिंडे, भिंडी, घीया के भाव 40 रुपये क किलो के पार हैं और ग्वार फली के ला दाम 200 रुपये प्रति किलो पहुंचे फ हैं। व्यापारियों की मानें तो पिछले न दिनों भीषण गर्मी से फसलें झुलस ब जाने के कारण सब्जियों के दाम कि उछले हैं। महंगी सब्जियों के कारण थ लोगों की जेब ढीली हो रही है।


सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक कम हो रही है। इससे सब्जियों के दाम लगातार बढ़े हैं। इसका असर रेहड़ी- फड़ी पर बिकने वाली सब्जियों पर भी नजर आ रहा है। सब्जियों के दाम बढ़ने से लोगों के घरों का बजट बिगड़ने लगा है। सब्जी विक्रेताओं के थोक में प्याज 40 रुपये प्रति किलो मिलता है।

जिसके भाव मार्केट में 50रुपये तक पहुंचे हैं। इसके साथ ही टमाटर अब 40-50 रुपये किलो तक बिकने लगा है। हरी मिर्च 80 से 90 रुपये किलो, लहसुन दो सौ रुपये किलो, भिंडी 40-50 रुपये, करेला 150 और ग्वार फली 200 रुपये किलो बिक रही है। आलू 40 रुपये और लौकी भी 30 से 40 रुपये किलो बिक रही है।

पौधे झुलसने से घटा उत्पादन

मई-जून में भीषण गर्मी का असर देखा गया। अधिकतम तापमान 49 डिग्री व रात्रि पारा 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता था। जिसके कारण जनजीवन बेहाल था, वहीं सब्जियों के बेल- पौधे फसलें झुलस गए थे। जिसके कारण उत्पादन में खासा गिरावट आई और मंडियों में सब्जियों की डिमांड बढ़ना दाम में तेजी का मुख्य कारण है। लेकिन अब पिछले दिनों बारिश से थोड़ी राहत मिली है।