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मूंग की बिजाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें तथा कौन सा बीज अच्छी उपज देता है

What things should be kept in mind while sowing moong and which seed gives good yield
 
moong

मूंग की खेती :दलहनी फसलों में मूंग का एक अपना विशेष स्थान है। गर्मियों के मौसम में जहां पानी की अच्छी व्यवस्था हो, वहां मूंग की खेती इस समय में की जा सकती है। मूंग की खेती से किसान खरीफ एवं रबी फसलों के अलावा अधिक आय ले सकते है।  गर्मी में मूंग की बुवाई के लिए कौन सी उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गई है, जानें
गर्मियों में आज तक बोई जाने वाली वाली मूंग की उन्नत किस्में=

टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (टी.जे. एम -3) :– इस किस्म को जवाहार लाल नेहरू कृषि विश्व विधालय जबलपुर ने विकसित किया था। इसकी पकने की अवधि 65 से 70 दिन एवं प्रति एकड़ उपज क्षमता 10 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिल जाएगी। फलियाँ गुच्छो में लगती है, एक फली मे 8-10 दाने, 100 दानो का बजन 3.4-4.4 ग्राम, पीला मोजेक एवं पाउडरी मिल्डयू रोग हेतु प्रतिरोधक है।


जवाहर मूंग -721 = इस किस्म 
को कृषि महाविधालय इंदौर ने विकसित किया है। इसकी पकने की अवधि 70 से 75 दिन एवं उपज क्षमता 12 से 14 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो जाएगी। यह किस्म पूरे मध्यप्रदेश में ग्रीष्म एवं खरीफ दोनो मौसम के लिये उपयुक्त मानी गई है पौधे की उंचाई 53-65 सेमी, 3-5 फलियाँ एक गुच्छे मे रहती है, एक फली में 10-15 दाने एवं पीला मोजेक एवं पाउडरी मिल्डयू रोग हेतु प्रतिरोध है।


मूंग की किस्म एमएच=1142

को चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित किया गया है यह किस्म 63 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है इस किस्म की उपज क्षमता 15 क्विंटल प्रति एकड़ है. खरीफ में इसकी बुवाई का सही  समय जून से जुलाई तक है. यह किस्म उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में बिजाई के लिए अच्छी मानी गई है एन्थ्रेक्नोज और ख़स्ता फफूंदी के लिए यह किस्म प्रतिरोधी है।


मूंग एमएच -421=

यह किस्म  खरीफ में बिजाई के लिए सही मानी गई है  यह किस्म पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में बुवाई के लिए अच्छी मानी जाती हैं ये किस्म चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, द्वारा विकसित की गई है. इसकी उपज क्षमता 10-15 क्विंटल प्रति एकड़ है और ये रोग प्रतिरोधक क्षमता, सहनशीलता और उत्पादन की दृष्टि से काफी अच्छी किस्म मानी जाती है ये किस्म 60 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

पंत मूंग 1 =

यह किस्म की बिजाई जायद और खरीफ दोनों मौसमों में आसानी से खेती की जा सकती है इस किस्म की प्रति एकड़ औसत 12 से 15 क्विंटल है इस किस्म की फसल लगभग 60 से 70 दिन बाद पककर तैयार हो जाती हैं यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश और मैदानी क्षेत्रों के लिए श्रेष्ठ मानी गई है।
 मूंग की बिजाई का तरीका।

किसान बिजाई से पहले बीज के आकार, भूमि कि नमी, बिजाई का समय, पौधों की बढवार तथा उत्पादन तकनीक के अनुसार बिजाई के लिए बीज खरीदे।  गर्मी में मूँग की बिजाई के लिए प्रति एकड़ 20-25 किलोग्राम मूंग का बीज काफी होता है। जायद में किसानों को मूँग की बिजाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए साथ ही किसानों को बिजाई के लिए प्रमाणित बीजों का ही चयन करना चाहिए।