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मुंगफली की बिजाई कब और कैसे करें जाने मूंगफली के उन्नत किस्मो के बारे में।

मुंगफली की बिजाई कब और कैसे करें जाने मूंगफली के उन्नत किस्मो के बारे में।
 
मुंगफली
भारत में मूंगफली की फसल को एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल माना गया है मूंगफली की खेती देश के सभी राज्यों में होती है लेकिन जहां जलवायु उपयुक्त होती है वहां उनकी फसल अधिक पैदावार देती हैं मूंगफली की बुवाई 1 जून से लेकर 20 जून तक के बीच की जाती है बिजाई के समय तापमान 40 डिग्री से कम तक होना चाहिए बारिश का समय आने से पहले ही मूंगफली की बुवाई कर देनी चाहिए।
मूंगफली की बिजाई के लिए खेत  तैयार करना।
मूंगफली की ‌बिजाई से पहले खेत को दो-तीन बार जोतना चाहिए इससे जमीन पोली होने के साथ-साथ सूत्रकृमि से छुटकारा मिलेगा रेताली जमीन में जुताई ज्यादा नीचे तक नहीं करनी चाहिए इससे अच्छा फल ज्यादा नीचे तक चला जाता है और उत्पादन क्षमता कम होती है बिजाई से पहले स्क्रिप्ट कलर से 6 घंटे लगातार पलेवा करना चाहिए  ऐसे में भूमि में नमी हो जाएगी
बुआई से पहले करें भी बीजोपचार।
मूंगफली के बिजाई से पहले बीज का सही तरह से उपचार कर लेना चाहिए उपचार के लिए डायसानेम 45 या थायरम या ट्राई कोडरमा 10 ग्राम प्रति किलो की दर से काम ले सकते हैं बीज उपचारित करते समय एक बात का ध्यान रखिए कि हर एक बीज दवाई में सही ढंग से उपचरित हो अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीज पर सूत्रकृमि या किसी अन्य जीवाणु का रोग का असर हो सकता है।
मूंगफली में ऐसे करें सिंचाई।
अच्छा पलेवा करने से मूंगफली को सिंचाई की जरूरत नहीं रहती बुवाई के 15 से 20 दिन बाद सिपर कलर से पानी देना चाहिए बारिश होने के बाद मूंगफली में सिंचाई की जरूरत नहीं होती बारिश के अंतराल में 15 20 दिन के बाद आप पानी दे सकते हैं
मूंगफली के खेत में बिना कृषि विशेषज्ञ की सलाह से यूरिया नहीं छिड़के महंगे बीज के कारण कई बार बीज डालने में दूरी रह जाती है इस दूरी के बीच में किसान यूरिया  डाल देते हैं जिससे पौधे में ऊपरी बड़वार तो अधिक होती है लेकिन जमीन के अंदर फल कम आते हैं
मूंगफली की उन्नत किस्में ।
झुमका किस्म=जो भारी मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी गई है। इनमें कि टि जी37ए उपयुक्त मानी गई है
अर्द्ध विकसित किस्म=यह किस्म हल्की मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी गई है इनमें आरजी599-3और आरजी425को उपयुक्त माना गया है।
विस्तारी किस्म=इस किस्म में आरजी510 को उपयुक्त  माना गया है।