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हरियाणा प्रदेश का कौन सा जिला फसल गिरदावरी में है सबसे आगे और कौन सा है सबसे पीछे, देखें पूरी लिस्ट

Haryana news: प्रदेश में मार्च में हुई बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई रबी की फसलों की नुकसान की भरपाई हेतु सरकार द्वारा गिरदावरी की जा रही है। इसके पूरा होने के बाद ही किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा।
 
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Which district of Haryana state is leading in crop Girdawari and which is lagging behindहरियाणा प्रदेश में इस समय फसलों में हुए नुकसान को लेकर सरकार द्वारा गीतावली की जा रही है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सरकार द्वारा फसलों के नुकसान की भरपाई हेतु की जा रही गिरदावरी में प्रदेश के कौनसे जिले के किसानों की फसलों की सबसे ज्यादा गिरदावरी हुई है और कौन से जिले के किसानों की फसलों की सबसे कम गिरदावरी हुई है।

प्रदेश में मार्च में हुई बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई रबी की फसलों की नुकसान की भरपाई हेतु सरकार द्वारा गिरदावरी की जा रही है। इसके पूरा होने के बाद ही किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा। प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डालें तो जींद जिला गिरदावरी में पिछड़ा हुआ है। इसके अलावा सोनीपत और सिरसा जिले भी गिरदावरी में पिछड़े हुए हैं। इन जिलों में गिरदावरी का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है, जबकि कुरुक्षेत्र में गिरदावरी का काम पूरा हो चुका है। कुरुक्षेत्र जिला फसलों की गिरदावरी के मामले में टॉप पर चल रहा है।

फसलों की सबसे अधिक गिरदावरी के चलते यह जिला प्रदेश में सबसे आगे है। इसके अलावा रेवाड़ी दूसरे और फतेहाबाद तीसरे नंबर पर हैं। 


प्रदेश के इन जिलों में अभी तक नहीं हुई गिरदावरी शुरू


 प्रदेश के अगर उन जिलों की बात करें जिनमें अभी तक गिरदावरी का काम शुरू नहीं हुआ है तो आपको बता दे कि फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, पंचकूला और पलवल जिले में अभी तक गिरदावरी का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इन जिलों की किसान अभी भी सरकार द्वारा फसलों की गिरदावरी शुरू करने की बाट देख रहे हैं। बारिश और ओलावृष्टि से  सबसे ज्यादा हिसार जिले के 58,617 किसानों की फसल खराब हुई है। हिसार जिले के किसानों ने 3,32,090 एकड़ में फसल खराब होने की जानकारी दी है। हालांकि इस जिले में गिरदावरी का काम पूर्ण होने के बाद ही पता चलेगा कि फसलों में ओलावृष्टि से कितना नुकसान हुआ है।

आपको बता दें कि मार्च के महीने में जींद, सिरसा समेत पूरे प्रदेश में तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। ऐसे में गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ था। जिले में बारिश और ओलावृष्टि की सबसे ज्यादा मार जींद जिले के नरवाना और उचाना क्षेत्र के किसानों को झेलनी पड़ी थी।