जींद में किसान संगठनों ने सरकार को दी चेतावनी, गिरफ्तार नेता रिहा नहीं हुए तो फिर होगा आंदोलन
जींद। किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर जाट धर्मशाला में किसान नेताओं ने पत्रकार वार्ता की। इसमें किसान नेताओं ने सभी संगठनों से एक होकर सरकार से इस आंदोलन व गिरफ्तार नेताओं के हित के लिए लडऩे की आवाज
उठाई। किसान नेताओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार सभी किसानों को सरकार जल्द रिहा नहीं करती है तो एक बार फिर हम आंदोलन की तैयारी करेंगे।
किसान नेता विकास सीसर, सुशील नरवाल, अक्षय नरवाल व किसान नेत्री प्रियंका खरकरामजी ने कहा कि भाजपा की नायब सैनी की सरकार से किसानों को उम्मीद थी, क्योंकि मुख्यमंत्री सैनी किसान समाज से तालुक रखते हैं, लेकिन इनका संघ की पाठशाला के ज्ञान ने किसानों के
प्रति संवेदनाओं को खत्म कर दिया। सुशील नरवाल ने कहा किसी भी किसान पर कोई विपदा आती है तो इस कठिन समय में वह अपने मतभेद भुलाते हुए मजबूती के साथ उस परिवार के साथ खड़े होंगे। किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष अक्षय नरवाल ने कहा कि उनके ऊपर भी जबरदस्ती खालिस्तानी होने के आरोप लगाए जा रहे थे। जो की बेबुनियाद थे। उन्होंने कहा कि किसानों की सांझा मांगों को लेकर हरियाणा के लोग पंजाब का साथ देते हैं। अगर खालिस्तान की कोई बात इस आंदोलन में होती तो हम सबसे पहले उनके विरोध में खड़े होते।
उन्होंने परिवार की तरफ देखते हुए अनीश को जेल में अनशन खोलने की बात भी कही और परिवार के साथ मिलकर बाहर सडक़ पर उसके लिए संघर्ष को और मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का आह्वान करने वाले किसान संगठन और मोर्चे जींद में आकर
हमारे भाई की रिहाई के लिए कोई आंदोलन की शुरुआत करें, अन्यथा उनके परिवार के ऊपर आई विपदा को देखते हुए उन्हें मजबूर होकर कोई कड़ा फैसला लेना पड़ेगा।