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सरसों का भाव: सरसों के भाव में जबरदस्त उछाल से किसानों के चेहरे पर आई रौनक, जानिए 26 मई को किस रेट बिकी फसलें..

Mandi Bhav: कृषि उपज बाजार में सरसों की कीमत तेजी से बढ़ी है, जिससे बड़े किसानों और फसलों के स्टॉकिस्टों के चेहरे चमक गए हैं। 
 
सरसो का भाव आजः धौलपुर शहर के कृषि उपज बाजार में सरसों की कीमत तेजी से बढ़ी है, जिससे बड़े किसानों और फसलों के स्टॉकिस्टों के चेहरे चमक गए हैं। पिछले एक हफ्ते से सरसों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने सभी को चौंका दिया है और कृषि उपज बाजार में सरसों की कीमत 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई है।

लगभग एक सप्ताह पहले कृषि उपज बाजार में 42 प्रतिशत तेल की स्थिति वाले सरसों की कीमत 5300 रुपये से 5400 रुपये प्रति क्विंटल थी। शुक्रवार को सरसों की कीमत MSP की लक्ष्मण रेखा को पार कर गई। समर्थन मूल्य खरीद मूल्य 5650 रुपये और 6100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, जबकि 44 प्रतिशत तेल की स्थिति के साथ सरसों की कीमत 5820 रुपये प्रति क्विंटल है। प्रतिदिन हजारों लीटर दूध की आपूर्ति की जा रही है। किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। ऐसे में उन्हें बाजार में एमएसपी से ज्यादा कीमत मिल सकती है। आढ़तिया भी बाजार में सरसों की कीमतों में वृद्धि से खुश हैं।
किसान समर्थन मूल्य के बजाय सीधे मंडी में फसल बेच रहा है
 आढ़तियों का मानना है कि मंडी में 6100 रुपये की कीमत मिलने के कारण किसान समर्थन मूल्य के बजाय सीधे मंडी में फसल बेच रहा है। उसे नकद में भी भुगतान किया जाता है। वहीं दूसरी ओर बाजार में सरसों के तेल के दाम भी बढ़ने लगे हैं। सरसों का तेल शुक्रवार को 130 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। पहले यह 110 रुपये था। इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
 589 किसानों ने केंद्र में पंजीकरण कराया था
पिछले एक सप्ताह से को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सेंटर में सन्नाटा मंडी में को-ऑपरेटिव मार्केटिंग पर मौन फैलाया गया है। मंडी में एमएसपी से ज्यादा कीमत मिलने के कारण किसान पंजीकरण कराने के बाद भी खरीद और बिक्री केंद्र तक नहीं पहुंचे हैं। शुक्रवार को केंद्र प्रभारी ने बताया कि सरसों को आखिरी बार 17 मई को केंद्र से तोड़ा गया था। उस दिन पाँच किसानों ने 100 क्विंटल सरसों बेची थी। इसके बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। एमएसपी पर सरसों बेचने के लिए 589 किसानों ने केंद्र में पंजीकरण कराया था। इनमें से 363 किसानों ने सरसों बेची है। जिसमें अब तक 7503 क्विंटल सरसों की खरीद की जा चुकी है।
सरसों की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी 
बाजार के आढ़तियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में सरसों की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे मुख्य कारण सोयाबीन उत्पादक देश ब्राजील में बाढ़ है, जिसने विदेशों में भी कीमतों में वृद्धि की है। वहां से भारत में तेल का आयात भी किया जाता है। आयात के प्रभाव के कारण स्थानीय तेल की मांग भी बढ़ी है। इसके अलावा इस बार सरसों के बंपर उत्पादन की बात होती थी, लेकिन अब लगता है कि उत्पादन अनुमान से 20 प्रतिशत कम हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है।