हरियाणा में 4000 से अधिक गांव के लिए ख़ुशख़बरी, सरकार ने ये कानून किया रद्द
हरियाणा सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है, आपको बता दें कि 1 अप्रैल से नहर के पानी पर माल ढुलाई शुल्क पूरी तरह से बंद होने जा रहा है।
Mar 29, 2024, 13:08 IST
indih1, Haryana Farmer News: राज्य सरकार ने इस संबंध में कई घोषणाएं की हैं। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। अब इस संदर्भ में हरियाणा सरकार की मनोहर लाल सरकार ने एक अच्छा निर्णय लिया है और पिछले कई वर्षों से ब्रिटिश शासन के एक प्रमुख कानून को समाप्त कर दिया है।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है, आपको बता दें कि 1 अप्रैल से नहर के पानी पर माल ढुलाई शुल्क पूरी तरह से बंद होने जा रहा है। किसान भी इस खबर से बहुत खुश हैं, अब उन्हें फीस के नाम पर राज्य सरकार को एक रुपया भी नहीं देना पड़ेगा।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार के इस बड़े और ऐतिहासिक फैसले से चार हजार से अधिक गांवों के किसानों को लाभ हुआ है और उन्हें अब अपनी 140 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस फैसले से सालाना 54 करोड़ रुपये की राहत भी मिलेगी।
आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुसार अबियाना की सबसे अधिक राशि हिसार जिले के 349 गांवों के किसानों पर थी, जो लगभग 31 करोड़ रुपये थी।
आपको बता दें कि अबियाना की इस बकाया राशि के तहत लगभग 24 लाख हेक्टेयर जमीन आती है, जिसमें रबी और खरीफ फसलों के तहत 12-12 लाख हेक्टेयर जमीन शामिल है, इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब किसानों को सीधे 140 करोड़ रुपये का लाभ मिलने वाला है।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है, आपको बता दें कि 1 अप्रैल से नहर के पानी पर माल ढुलाई शुल्क पूरी तरह से बंद होने जा रहा है। किसान भी इस खबर से बहुत खुश हैं, अब उन्हें फीस के नाम पर राज्य सरकार को एक रुपया भी नहीं देना पड़ेगा।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार के इस बड़े और ऐतिहासिक फैसले से चार हजार से अधिक गांवों के किसानों को लाभ हुआ है और उन्हें अब अपनी 140 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस फैसले से सालाना 54 करोड़ रुपये की राहत भी मिलेगी।
आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुसार अबियाना की सबसे अधिक राशि हिसार जिले के 349 गांवों के किसानों पर थी, जो लगभग 31 करोड़ रुपये थी।
आपको बता दें कि अबियाना की इस बकाया राशि के तहत लगभग 24 लाख हेक्टेयर जमीन आती है, जिसमें रबी और खरीफ फसलों के तहत 12-12 लाख हेक्टेयर जमीन शामिल है, इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब किसानों को सीधे 140 करोड़ रुपये का लाभ मिलने वाला है।