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Haryana Punjab Weather Update: हरियाणा पंजाब के कई जिलों में झमाझम बारिश, किसानों के चहरे खिले, देखें मौसम विभाग का ताजा अपडेट 

 हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून मध्य भारत में अब तक ज्यादा एक्टिव रहा है, क्योंकि उत्तर भारत की तरफ कोई दबाव का क्षेत्र नहीं बन पाया। बीच में पंजाब में 2 दिन के लिए क्षेत्र बना था जिससे हरियाणा में बारिश हुई थी
 
Weather Update: हरियाणा में 11 जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। हिसार में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। यहां 15 मिलीमीटर बारिश हुई है। अंबाला में 12 मिमी, सिरसा में 10 मिमी, भिवानी में 9 मिमी, जींद में 12.5 मिमी और करनाल में 11.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पानीपत और महेंद्रगढ़ में भी भारी बारिश हुई।

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में बुधवार को मणिमहेश यात्रा के दौरान भूस्खलन हुआ। गाड़ी में 5 लोग सवार थे। घायलों में 2 की हालत गंभीर है। भरमौर सिविल अस्पताल की डॉ. रुचिका ठाकुर ने कहा, "प्रशासन ने हमें भूस्खलन में घायल हुए लोगों के बारे में सूचित किया। मेडिकल टीम को मौके पर भेजा गया है। 2 गंभीर यात्रियों को चंबा रेफर किया गया है।

समूह यात्रा के लिए कांगड़ा से आया था। उन्होंने चंबा के हदसर से अपनी यात्रा शुरू की थी। इस बीच, गोई नाला के पास भूस्खलन हुआ।

मौसम विभाग ने राज्य के 10 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, मंडी, शिमला, सिरमौर और सिरमौर शामिल हैं।

पंजाब के 6 जिलों में कई स्थानों पर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार लुधियाना में 7 एमएम, पटियाला में 4.2 एमएम, गुरदासपुर में 5.9 एमएम, फतेहगढ़ साहिब में 2.5 एमएम और फाजिल्का में 4.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। मोहाली में भी भारी बारिश हुई। बोतलें एक फुट से अधिक पानी से भरी हुई थीं। बच्चों को फर्श पर खेलते देखा गया।

गर्मी और आर्द्रता ने लोगों का पसीना बहा दिया था क्योंकि हरियाणा के अधिकांश शहरों में चार दिनों से बारिश नहीं हुई थी। सिरसा जिला पिछले 24 घंटों में 41.0 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम तापमान के साथ सबसे गर्म रहा।

इन जिलों में सबसे कम बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा के सिर्फ 2 जिलों को छोड़ बाकी जिलों में सूखे की स्थिति बनी रही है। रोहतक व करनाल में सामान्य से 70%, अंबाला में 58%, भिवानी में 48%, कैथल में 51%, पंचकूला में 46%, सोनीपत में 55% और यमुनानगर में 40% कम बारिश दर्ज की गई। सिर्फ महेंद्रगढ़ और फतेहाबाद में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

हरियाणा में एंट्री कर रही हवाएं
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून मध्य भारत में अब तक ज्यादा एक्टिव रहा है, क्योंकि उत्तर भारत की तरफ कोई दबाव का क्षेत्र नहीं बन पाया। बीच में पंजाब में 2 दिन के लिए क्षेत्र बना था जिससे हरियाणा में बारिश हुई थी।

मगर, अब बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं फिर से हरियाणा में एंट्री कर रही हैं। वहीं टर्फ रेखा उत्तर की ओर सामान्य स्थिति में आ रही है। इसके कारण 31 जुलाई रात से 2 अगस्त तक हरियाणा में बारिश के आसार हैं।

जुलाई में सिर्फ 87 MM बारिश
30 जुलाई तक हरियाणा में सिर्फ 87 MM बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह 7 साल में सबसे कम है। पिछले साल जुलाई में 237 MM बारिश दर्ज की गई थी। कम बारिश की वजह से किसान भी चिंतित है। उन्हें धान की फसल पर पीले पन का खतरा सता रहा है।

विशेषज्ञ का कहना है कि यदि एक हफ्ते में बारिश नहीं हुई तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।