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मूंग की अधिक उपज देने वाली उन्नत किस्में जानें इनकी पैदावार और फसल अवधि के बारे में

High yielding improved varieties of Moong, know about their yield and crop period
 

 मूंग एक दलहनी फसल है जो कम समय में पककर तैयार हो जाती है मूंग की फसल 60 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है मूंग की अधिक पैदावार के लिए उन्नत किस्मो का चयन करना चाहिए और समय पर बिजाई करनी चाहिए मूंग की बिजाई जुन ,जुलाई महीनों के बीच में की जाती है और सितंबर, अक्टूबर महीनो के बीच में फसल पक कर तैयार हो जाती है मूंग की उच्च क्वालिटी के बीज बोकर किसान कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकता है
मूंग की उन्नत किस्में


पूसा विशाल =खरीफ के समय में अधिक उपज देने वाली पूसा विशाल मूंग की एक अच्छी किस्म है यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आई ए आर नई दिल्ली द्वारा तैयार किया गया है इस किस्म की बिजाई पूरे भारत में की जा सकती है इसके बीज चमकीले हरे रंग के होते हैं यह फसल लगभग 60 से 70 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है उनकी ओस्त प्रति एकड़ 13 से 15 क्विंटल होती है इस किस्म में पीला मोजेक रोग का प्रभाव भी कम देखा जाता है

मूंग एमएच 421=इस किस्म की बुवाई पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा मैं ज्यादा की जाती है यह किस्म खरीफ की एक अच्छी किस्म मानी गई है चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार दोबारा तैयार की गई किस्म है  यह किस्म प्रतिरोध क्षमता सहनशीलता और उत्पादन में सबसे अच्छी किस्म मानी गई है यह किस्म भी 60से 70 दिनों में पककर  तैयार हो जाती है और 12 ,13 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होती है


K-851=इस किस्म को आप जायद और खरीफ दोनों मौसम में बिजाई कर सकते हैं इनकी बिजाई भी पूरे भारत में की जा सकती है यह किस्म  चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी  विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा तैयार की गई है यह 70 से 80 दिन में पककर तैयार हो जाती है और 10, 12 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होती है


एमएच-1142=इस किस्म की बुवाई जून से जुलाई महीने में की जाती है यह किस्म भारत में उत्तर प्रदेश ,हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, बिहार, झारखंड ,उत्तराखंड, मैं बोई जाती है यह किस्म भी चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा तैयार की गई है यह किम 65 से 70 दिन में पक कर तैयार हो जाती है और 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से उपज देती है यह फसल खस्ता फफूंदी के लिए प्रतिरोधी मानी जाती है

जवाहर मूंग- 721=यह किस्म कृषि  महाविद्यालय इंदौर द्वारा तैयार की गई है यह किस्म खरीफ और जायद दोनों मौसम में बोई जाती है इस किस्म के पौधे की ऊंचाई कम होती है और फली गुच्छेदार होती है इस के पौधों पर येलो मोजैक पाउडरी मिलडयू रोग का प्रभाव बहुत कम देखा जाता है यह फसल 70 से 80 दिन में पककर तैयार हो जाती है और 13 ,14 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से उपज देती है।

पंत मूंग 1=यह किस्म भी खरीफ और जायद दोनों मौसम में बोई जा सकती है और यह फसल 60 से 70 दिन में पक कर तैयार हो जाती है 12, 13 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से ओस्त देती है इस किस्म की बुवाई पूर्वी भारत में और मैदानी क्षेत्रों  में ज्यादा कि जाती हैं
 मूंग की बिजाई करते समय रखें  विशेष बातों का ध्यान।

1-मूंग की बिजाई करने से पहले इनका बीज शोधन जरूर कर ले जिससे आपको स्वस्थ रोग मुक्त फसल लेने में मदद मिलेगी।

2-मूंग की बिजाई कतारो में करें जिससे आपको निराई गुड़ाई वह खरपतवार निकालने में आसानी होगी।

3-मूंग की बिजाई अगर संभव हो सके तो मेड बनाकर करें इसे आपको पैदावार भी अच्छी मिलेगी और भारी बारिश होने पर फसल में नुकसान भी नहीं होगा