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गर्मी के मौसम में अपने दुधारू पशुओं का कैसे रखें ख्याल जानिए पूरी जानकारी।

गर्मी के मौसम में अपने दुधारू पशुओं का कैसे रखें ख्याल जानिए पूरी जानकारी।
 

गर्मियों में पशुओं की देखभाल पर विषेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है उत्तर-पश्चिमी भारत में गर्मी बहुत अधिक पड़ती है और लंबे समय तक चलती हैं यहां गर्मियों में तापमान 45 डिग्री के उपर चला जाता है ऐसे मौसम में पशु दबाव की स्थिति में आ जाते हैं इस दबाव की स्थिति का पशुओं की पाचन प्रणाली और दूध उत्पादन क्षमता पर उल्टा प्रभाव पड़ता है .बढ़ती गर्मी के साथ पशु पालकों को अपने पशुओं की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है बदलते मौसम में पशुओं के रहन-सहन के साथ-साथ चारे-पानी पर भी ध्यान देना चाहिए पशु चिकित्सकों का कहना है कि बढ़ती गर्मी में पशुओं के चारे पर ध्यान न देने से दूध की क्षमता में कमी आ जाती है।

पशुओं में गर्मी का प्रभाव।

मई में गर्मी बढ़ने से पशुओं के शरीर में पानी के साथ-साथ अन्य खनिज पदार्थो की कमी आने लगती है दुधारू पशुओं पर गर्मी का सीधा असर पड़ने पर दूध का उत्पादन कम होने लगता है गर्मी के कारण पशुओं में बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है  तथा वह शारीरिक तौर से कमजोर हो दिखने लगते हैं।

पशुओं का कैसे करें गर्मी से बचाव।

पशुओं को छायादार स्थान पर रखना चाहिए पशुओं के नीचे रेत डालने के बाद उस पर अच्छी तरह से पानी का छिड़काव करना चाहिए यदि पशुओं को कमरे या टीन शेड़ में रखा जाता है तो एक बात का विशेष ध्यान रखें कि वह स्थान हवादार  वह खुला होना चाहिए पक्की छत के मकान में वेंटिलेटर लगाने चाहिए ज्यादा गर्मी होने पर पशुओं को दिन में दो तीन बार ठंडा पानी पिलाए तथा स्नान कराएं।

पशुओं का खाने पीने का रखें विशेष ध्यान।

 गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं को दाने की उचित मात्रा देते रहे दाने में गेहूं जई, चने का छिलका, गेहूं का चोकर, पीसा नमक, गुड़ की शकर मिलाकर देने से पशुओं में दुध उत्पादन ठीक रहता है तथा पशु स्वस्थ रहते हैं कुछ पशु पालक अपने पशुओं को हरा चारा नहीं खिला पाते हैं जिसके कारण पशुओं में पानी की कमी आ जाती है गर्मी के मौसम में पशुओं को सूखा भूसा खिलाया जाता है जिसमें पानी की पूर्ति नहीं हो पाती कुछ पशुपालक अपने पशुओं को हरे चारे के स्थान पर पौष्टिक पदार्थ खिलाते है पौष्टिक पदार्थ खाने से पशु को हरे चारे की जरूरत नहीं रहती है जो गलत है। पशुओं को सूखे भूसे पर निर्भर न रखकर हरा चारा अवश्य खिलाएं ।

पशुओं को संक्रमण से बचाना।

 गर्मी के मौसम में पशु में संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है जिसका बचाव करने के लिए पशुओं के चारा खाने वाले स्थान नियमित रूप से साफ-सफाई करनी चाहिए बासी चारा खाने से पशुओं के पेट में कई तरह की  बिमारियां हो सकती हैं पशु बांधने वाले स्थान के चारों ओर चूने का छिड़काव करने से पशु को संक्रमण से बचाया जा सकता है।