मूंग की अधिक पैदावार के लिए उन्नत किस्में बुवाई टाइम के साथ जाने
हमारे भारत में मूंग की खेती दो सीजन में अलग-अलग समय पर की जाती है मूंग की बहुत सी ऐसी किस्म है जिसकी खेती से किसान ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर सकता है मूंग दलहनी फसलों में एक सबसे महत्वपूर्ण फसल है मूंग की खेती भारत के कुछ राज्य में की जाती है जिसमें पंजाब ,हरियाणा ,उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र कर्नाटक ,और तमिलनाडु में मूंग की खेती की जाती है मूंग की खेती जायद और खरीब दोनों सीजन में अलग-अलग समय पर की जाती है
जाहिद सीजन में मूंग की बुवाई मार्च से लेकर अप्रैल तक की जाती है उनके बहुत से ऐसी किस्म है जिसमें किसान कम समय में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा ले सकता है
मूंग की उन्नत किस्में
मोहिनी-मूंग की यह किस एम 70 से 75 दिन में पककर तैयार हो जाती है इस किस्म में पीला मोजक वायरस नहीं होता जो मूंग की फसल को काफी हद तक नष्ट कर देता है यह फसल 12से13 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होती है
पूसा बैसाखी-मूंग की यह किस्म 65 से 70 दिन में पक्क कर तैयार हो जाती है अन्य किस्म के अलावा इस किस्म में रोग भी काम आता है यह 9से 10 क्विंटल पड़ती एकड़ के हिसाब से हो जाती है
कृष्ण 11-मूंग की यह अगेती किस्म है इस किस्म की बुवाई जायद सीजन में मार्च अप्रैल में की जाती है 60-65 दिन में पक कर तैयार हो जाती है और 10 ,12 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होती है
पंत मूंग वन-मूंग की यह किस्म खरीब व जायद दोनों सीजन में बोई जाती है क्रीम सीजन में यह 75 दिनों में और जया सीजन में यह 60 दिन में पककर तैयार हो जाती है
जवाहर मूंग 3-मूंग की यह किसम खरीफ तथा ग्रीष्म दोनों सीजनों में बोई जाती है इसकी एक फली में लगभग 10 12 दाने होते हैं और उनकी फली गुच्छों में लगती है इसका दाना भी बड़ा होता है इसमें पीला मोजक और पाउडरी मिलडयू रोग भीकम लगता है
K 851-मूंग यह किस्म भी खरीफ वह ग्रीष्म दोनों सीजन में बोई जाती है इनका पौधा मध्य कर का होता है और एक पौधे पर 50-60 फलिया लगती है एक फली में 12 से 14 दाने होते हैं इनका दाना चमकीला हरा और बड़ा होता है
यह मूंग की उन्नत किस्में में है जिसे बोकर किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा ले सकता है