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पौधों को गर्मी और सर्दी से बचाने के लिए लगवाए पोली हाउस सरकार दे रही 50 प्रतिशत सब्सिडी जाने कैसे उठाएं इसका लाभ 

पौधों को गर्मी और सर्दी से बचाने के लिए लगवाए पोली हाउस सरकार दे रही 50 प्रतिशत सब्सिडी जाने कैसे उठाएं इसका लाभ 
 

भारत सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं लेकर आती है. इस प्रकार की योजनाओं में सरकार गर्मी से पेड़ पौधों को बचाने के लिए पोली हाउस और नेट सेड लगवाने के लिए 50% सब्सिडी दे रही है इससे किसानों की आए भी ज्यादा होगी और पोली हाउस की मदद से फसल खराब नहीं होगी उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

सरकार द्वारा चलाई जा रही इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। बिहार सरकार के द्वारा दिए हुए मैसेज  में बताया गया है कि किसानों को पोली हाउस लगाने के लिए प्रति वर्ग मीटर की इकाई लागत 935 रुपए पर 50 फीसदी यानी 935 का आधा 467 रुपए दिए जाएंगे 
इसके साथ ही शेड नेट के लिए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से 710 रुपए पर 50% यानी 355 रुपए सरकार द्वारा दिए जाएंगे।

पोली हाउस और शेड के क्या-क्या है लाभ 

पोली हाउस की तकनीक का इस्तेमाल करके खेती बाड़ी करने से कीट आक्रमण में 90% तक का छुटकारा मिल जाता है इसके अलावा तीन से पांच डिग्री तक तापमान में कमी आएगी ड्रिप सिंचाई द्वारा 90% जल का बचाव भी होगा किसान की इनकम इससे दो गुना बढ़ेगी और किसान साल भर फलों और सब्जियों की खेती कर सकेंगे इसके बाद तेज हवा चलने पर भी फसलों को नुकसान नहीं होगा


पोली हाउस योजना का लाभ उठाने के लिए कैसे करें आवेदन

आपको सबसे पहले बागवानी विभाग की ऑफिशल वेबसाइट खोलना होगा 
उसके बाद होम पेज पर आपको उधान निदेशालय अंतर्गत संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के ऑप्शन पर जाना होगा।

इस पेज पर आपको संरक्षित खेती द्वारा बागवानी विकास योजना के लिए आवेदन का ऑप्शन चुनना होगा 

उसके बाद नया पेज खुलने पर योजना के नियम और शर्तों की जानकारी सामने आएगी 
इन नियम और शर्तों को पढ़ने के बाद सहमत वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा 
इसके बाद आवेदन फार्म खुलेगा उसमें मांगी गई जानकारी को ध्यान पूर्वक भरना होगा 

आवेदन में मांगे गए सभी दस्तावेजों को अपलोड करना होगा 
दस्तावेज अपलोड करने के बाद सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करें सबमिट पर क्लिक करने के बाद आपका ऑनलाइन आवेदन का कार्य पूर्ण हो जाएगा 
इसके अलावा किसान भाई अपने जिले के उधान विभाग के सहायक निदेशक से भी संपर्क करके यह कार्य पूर्ण कर सकते हैं।