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हरियाणा में भीषण गर्मी के दौरान पशुओं का ऐसे रखें ध्यान, दुधारू पशुओं को खिलाएं ये चारा, बढ़ जाएगी दूध देने की क्षमता !

हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। साथ ही, इसका प्रभाव दूध देने वाले जानवरों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
 

Haryana News: हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। साथ ही, इसका प्रभाव दूध देने वाले जानवरों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। ऐसे में पशुपालकों को भी दूध देने वाले पशुओं का विशेष ध्यान रखना पड़ता है, ताकि उनके पशुओं के दूध उत्पादन पर कोई असर न पड़े।

इसे लेकर चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने पशु पालकों को लोबिया चारे की फसल खिलाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं के लिए लोबिया चारे की फसल लाभकारी है। लोबिया की खेती आमतौर पर सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।

पौष्टिक एवं स्वादिष्ट चारे

यह गर्मी और खरीफ मौसम की जल्द बढऩे वाली फलीदार, पौष्टिक एवं स्वादिष्ट चारे वाली फसल है। उन्होंने बताया कि गर्मियों में दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता बढ़ाने के लिए लोबिया का चारा अवश्य खिलाना चाहिए। इसके चारे में औसतन 15-20 प्रतिशत प्रोटीन और सूखे दानों में लगभग 20-25 प्रतिशत प्रोटीन होती है। 
 

प्रतिरोधी व कीटों से मुक्त है
उन्होंने बताया कि किसान लोबिया की उन्नत किस्में लगाकर चारा उत्पादन बढ़ा सकते हैं। लोबिया की सी.एस. 88 किस्म, एक उत्कृष्ट किस्म है जो चारे की खेती के लिए सर्वोतम है। यह किस्म विभिन्न रोगों विशेषकर पीले मौजेक विषाणु रोग के लिए प्रतिरोधी व कीटों से मुक्त है। इस किस्म की बिजाई सिंचित एवं कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में गर्मी तथा खरीफ के मौसम में की जा सकती है।

कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने किसानों को लोबिया फसल की बिजाई संबंधी जानकारी देते हुए कहा कि हरे चारे के अलावा दलहन, हरी फली (सब्जी) व हरी खाद के रूप में अकेले अथवा मिश्रित फसल के तौर पर भी लोबिया को उगाया जाता है। हरे चारे की अधिक पैदावार के लिए इसे सिंचित इलाकों में मई में तथा वर्षा पर निर्भर इलाकों में बरसात शुरू होते ही बीज देना चाहिए।