गर्मी के मौसम में गाय, भेंस ऐसे रखें ख्याल ,बाल्टी भर भर के देगी दूध
Farming News: ग्रीष्म ऋतु में प्रतिदिन बढ़ते तापमान की वजह से पशुओं को हरे चारे की भी कमी आ जाती है। यदि आप भी पशुपालक हैं, तो अपने पशुओं को हरे चारे के रूप में कुछ खास किस्म का चारा खिलाएं। इस चेहरे को खिलाने से भैंस और गांय आपको बाल्टी भर-भर कर दूध देगी। आजकल पशुपालन रोजगार का बहुत अच्छा साधन बन चुका है।
हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन बहुत अच्छा आय का स्त्रोत भी हैं। जिस तरह इस समय तापमान में बढ़ोतरी हो रही है पशुओं को हरे चारे की समस्या का सामना भी करना पड़ता है। गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण दूध के उत्पादन में भी कमी होने लगती है। इस समय पशुओं को हरे चारे के लिए ज्वांर और 7 बढ वाली बाजरी की पशुओं को हरा चारा खिलाने हेतु बिजाई कर सकते हैं।
सात बढ़ वाली बाजरी पशुओं के लिए पौष्टिक होने के साथ-साथ दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी करती है। लगातार पशुओं को यह हरा चारा खिलाने से गर्मी के मौसम में दूध उत्पादन में कमी नही होती। गर्मी के मौसम में पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन खिलाने की काफी जरूरत है और ऐसे में किसान को ज्यादा लाभ मिलेगा। इस समय ज्वार और बाजरा की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।क्योंकि गर्मी में पशुपालक दूध उत्पादन बढ़ाने की चाहत रखता है। इस समय पशुपालक को दूध के भाव अधिक मिल जाते है। इस चारे की सही ढंग से सिंचाई करने पर इसकी कटाई अप्रेल से अगस्त तक चार से छह बार की जा सकती है। ज्वार पशुओं के बहुत ही पौष्टिक सर्वोत्तम मीठा भोजन है।
पशुओं को इस तरह खिलाए ज्वार और बाजरा
तापमान बढ़ाने के साथ-साथ पशुओं में दूध देने की क्षमता में भी कमी आ जाती है। पशुओं के दूध देने की क्षमता को कम ना हो, इसके लिए पशुओं को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा देना बहुत जरूरी है। इस समय ज्वार काफी अच्छा हरा चारा हैं। जो जुलाई अगस्त तक पशुओं को मिल सकता है। पशुओं में दूध के उत्पादन बढ़ाने के लिए ज्वांर काचारा काफी मददगार है। इसको काटकर भूसे में मिलाकर देना काफी फायदेमंद होता है। प्रतिदिन 5 किलो भूसे के साथ 1.5 किलो ज्वार घास मिलाकर पशुओं को खिलाना बेहतर माना जाता है । यह चारा काफी पोषक गुणों से भरपूर होने के साथ ही , पशुओं को लगातार खिलाने से उनका दूध भी बढ़ाता है। इसके अलावा इस हरे चारे से पशुओं का स्वास्थ भी ठीक रहता है।