Pradhanmantri fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा करने की प्रक्रिया हुई शुरू, 16 अगस्त तक करें आवेदन
Pradhanmantri fasal Bima Yojana: देश के करोड़ों किसानों के लिए सरकार ने खरीद की फसलों पर होने वाली बीमा हेतु प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगर आप भी अपनी खरीफ की फसल पर बीमा करवाना चाहते हैं तो 16 अगस्त या इससे पहले करवा सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। खरीफ 2024 के तहत धान, बाजरा, मक्का और कपास की फसलों को बीमित फसलों की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के लिए स्वैच्छिक है, लेकिन किसानों से आह्वान है कि वह अपनी फसलों का बीमा अवश्य करवाएं ताकि किसी आपदा या अन्य कारण से फसल को नुकसान होने की स्थिति में किसानों को नुक्सान ना हो।
खरीफ फसलों के लिए बीमा करवाने की अंतिम तिथि 16 अगस्त निर्धारित की गई है। जिन किसानों को खरीफ 2024 में अपनी फसलों का बीमा करवाना है वह सभी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत संबंधित दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक नवीनतम भूमि रिकॉर्ड, जमाबंदी प्रमाणित बुवाई पत्र और मेरी फसल मेरा ब्यौरा के साथ संबंधित बेवा या सीएससी केंद्र के माध्यम से अपना फसली बीमा करवा सकते हैं।
यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। जो ऋणी किसान अपनी फसल का बीमा नहीं करवाना चाहते हैं उन्हें अपने ऋण दाता बैंक में लिखित फॉर्मेट में बीमा करवाने की आखिरी तारीख से 7 दिन पूर्व घोषणा पत्र देना होगा अन्यथा बैंक द्वारा अपने अभिलेख अनुसार उसका बीमा कर दिया जाएगा और जिस किसान को अपनी फसल तबदील करवानी है तो वह संबंधित ऋणी बैंक में जाकर आखिरी तारीख से दो दिन पहले तक अपनी फसल को तबदीली करवा सकता है।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार हेतु 31 अगस्त तक करें आवेदन
केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक पशुपालक 31 अगस्त तक उपरोक्त पोर्टल पर आवेदन भेज सकते हैं। उपायुक्त डॉ मनोज कुमार ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के प्रभावी विकास के लिए अथक प्रयास कर रहा है, ताकि किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान की जा सके। भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें बहुत अच्छी हैं और उनमें राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता मौजूद है।
स्वदेशी गोजातीय नस्लों का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण और विकास करने के उद्देश्य से देश में पहली बार दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) की शुरूआत की गई थी। उन्होंने बताया कि आरजीएम के तहत, दूध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों / एफपीओ और कृत्रिम गभार्धान तकनीशियनों (एआईटी) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, इस विभाग ने 2024 के दौरान भी निम्नलिखित तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान करना जारी रखा है।