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Business Idea: किसान के लिए अलादीन का चिराग है ये फूल, जल्द बन जाएंगे करोड़पति, बंजर जमीन भी उगल रही है सोना

इन फूलों की खेती से किसान अपनी आर्थिक सेहत दुरुस्त कर सकते हैं। एक एकड़ जमीन में 5 क्विंटल जादुई फूल उग आते हैं। वहीं एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक जादुई फूलों की पैदावार हो जाती है। इसकी लागत करीब 10,000-12,000 रुपये आती है। लागत से इसमें 5-6 गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं। इसकी फसल 6 महीने में तैयार हो जाती है।
 

Business Idea: अगर आप बिजनेस के जरिए अपनी किस्त के दरवाजे खोलना चाहते हैं तो आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है। इसे एक जादुई व्यवसाय भी कहा जा सकता है। इसलिए नुकसान की संभावना बहुत कम है। हम जादुई फूलों की खेती की बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बुंदेलखंड के किसान जादुई फूलों की खेती करके अपना भाग्य बदल रहे हैं। किसानों की आमदनी बढ़ रही है। इसे कैमोमाइल फूल के नाम से भी जाना जाता है। इन फूलों से आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं बनाई जाती हैं। इसलिए निजी कंपनियों में इन फूलों की भारी मांग है।

कैमोमाइल (जादुई फूल) निकोटीन मुक्त होता है। यह पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है। इन फूलों का उपयोग सौंदर्य उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। स्थानीय किसानों का कहना है कि आयुर्वेद कंपनी में जादुई फूलों की मांग अधिक है। ऐसे में कई लोगों ने इन फूलों की खेती शुरू कर दी है।

एक जादुई फूल का उत्पादन और कमाई

बंजर जमीन पर भी जादुई फूल की बंपर पैदावार होती है। इन फूलों की खेती से किसान अपनी आर्थिक सेहत दुरुस्त कर सकते हैं। एक एकड़ जमीन में 5 क्विंटल जादुई फूल उग आते हैं। वहीं एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक जादुई फूलों की पैदावार हो जाती है। इसकी लागत करीब 10,000-12,000 रुपये आती है। लागत से इसमें 5-6 गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं। इसकी फसल 6 महीने में तैयार हो जाती है। यानी 6 महीने में किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। कुछ सालों तक इन फूलों की खेती करने से जल्द ही करोड़पति बन सकते हैं।

जादुई फूल के फायदे

इन फूलों को सुखाकर इसकी चाय भी बनाकर पी जाती है। इसकी चाय से अल्सर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। वहीं स्किन रोगों में भी कैमोमाइल काफी फायदेमंद है। यह जलन, अनिद्रा, घबराहट और चिड़चिड़ापन के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके फूल का उपयोग मोच, घाव, चोट, रैसेज और पेट की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।