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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने विधानसभा चुनावों के बीच फिर से मांगी 20 दिन की फरलो, चुनाव आयोग ने दी यह चेतावनी, जानें

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने एक बार फिर पैरोल के लिए अर्जी दाखिल की है। इससे पहले भी राम रहीम कई बार पैरोल पर जेल से बाहर आ चुके हैं, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने उसकी अर्जी पर सवाल उठाते हुए जेल विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।
 
 

Sant Gurmeet Ram Rahim: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने एक बार फिर पैरोल के लिए अर्जी दाखिल की है। इससे पहले भी राम रहीम कई बार पैरोल पर जेल से बाहर आ चुके हैं, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने उसकी अर्जी पर सवाल उठाते हुए जेल विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।

राम रहीम, जो साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहे हैं, ने 20 दिन की पैरोल के लिए अर्जी दी है। चुनाव आयोग ने इस अर्जी पर सवाल उठाए हैं, खासकर विधानसभा चुनावों से पहले। चुनाव आयोग का मानना है कि पैरोल का इस्तेमाल चुनावी गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए नहीं होना चाहिए।

राम रहीम के प्रवक्ता का कहना है कि वह कानूनी तौर पर पैरोल के हकदार हैं और अगर समय पर इसका उपयोग नहीं किया गया, तो यह समाप्त हो जाएगी। लेकिन चुनाव आयोग को संदेह है कि राम रहीम का बाहर आना चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

चुनाव आयोग ने 2019 में स्पष्ट गाइडलाइन्स जारी की थीं कि पैरोल केवल आपातकालीन मामलों में ही दी जा सकती है, और वह भी तब जब संबंधित व्यक्ति किसी चुनावी गतिविधि में शामिल न हो। इस बार आयोग ने जेल विभाग से इस पैरोल अर्जी पर स्पष्टीकरण मांगा है।

 राम रहीम की पैरोल अर्जी ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निगरानी बढ़ा दी है। हालांकि, कानूनी प्रक्रिया के तहत वह पैरोल के हकदार हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यह अर्जी चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से तो नहीं की गई। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जेल विभाग का इस मामले में क्या रुख रहता है और क्या राम रहीम को एक बार फिर से पैरोल मिलेगी या नहीं।