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Haryana pension Scheme: हरियाणा में गरजे पूर्व सीएम खट्टर, बोले, विधुर पेंशन मैंने अपने लिए शुरू नहीं की, मुझे तो 50000  मिलेगी

Haryana news: हिसार में नलवा विधानसभा क्षेत्र के कैमरी गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 40-45 होने के कारण गांव में अविवाहित लोगों को सम्मान नहीं मिलता था
 

Haryana News: हरियाणा के हिसार में नलवा विधानसभा क्षेत्र के कैमरी गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 40-45 होने के कारण गांव में अविवाहित लोगों को सम्मान नहीं मिलता था।

जब हमने विधवा पेंशन शुरू की, तो उन्हें सम्मान मिलने लगा है। लोग कहते हैं कि मैंने यह पेंशन योजना अपने लिए शुरू की है। मैंने अपने लिए इसकी योजना नहीं बनाई थी। पूर्व विधायक के रूप में मुझे 50,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। एक आदमी केवल एक ही पेंशन ले सकता है, इसलिए मैं विधवा की पेंशन नहीं ले सकता।

कैमरी गांव में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जिस तरह किसान, कुम्हार, खादी, लोहार अपने बच्चों को अपना काम सिखाते हैं। इसी तरह हमने अपनी युवा पीढ़ी को भी तैयार किया और उन्हें काम दिया। उसने सीट पर हाथ रखा। मैं उनके पीछे खड़ा हूं। हमने योजनाओं को लागू किया था, उन्हें नीचे नहीं आने दिया जाएगा।

कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सत्ता में रहते हुए लूटने वाले अब उनके सामने आ रहे हैं। सीबीआई का मामला है, ईडी का मामला है।

कोई सलाखों के पीछे है। इससे पहले राज्य में कई लोग लूटपाट का प्रशिक्षण लेते थे। सरकारी दफ्तर के काम के हिसाब से 50 रुपये से लेकर करोड़ों रुपये देने पड़ते थे। अगर किसी ने नौकरी के नाम पर पैसे लिए हैं, तो मैं उसे पैसे सौंप दूंगा।

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिना नाम लिए कहा, "यह एक पुरानी घटना है कि इस क्षेत्र का एक व्यक्ति अपने नेता के लिए काम कराने चंडीगढ़ गया था। उन्होंने नेता से कहा कि मुझे एक फरद बनाना है जिसके लिए पटवारियों ने 100 रुपये की मांग की है। नेता ने कहा, "आने-जाने में आपको कितना खर्च आया?" उस आदमी ने कहा कि उसे हिसार से यात्रा करने के लिए 200 रुपये देने पड़े और दो दिन बर्बाद हो गए। नेता ने जवाब दिया कि वह 100 में काम करवा लेते, यहां आकर 200 रुपये क्यों बर्बाद किए। मनोहर लाल ने लोगों से हाथ उठाकर पूछा कि इस कहावत को कितने लोगों ने सुना है।