राजस्थान में खोदाई के दौरान मिली बड़ी कामयाबी, प्राप्त हुए महाभारत और मौर्यकालीन अवशेष
राजस्थान में खुदाई के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) दौरान बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में विभाग को खोदाई में कुषाणकालीन, मौर्य कालीन और महाभारत कालीन अवशेष मिले हैं। इस गांव में चार महीने से खोदाई हो रही है।
बृज क्षेत्र में आने वाले इस गांव में खोदाई के दौरान हड्डियों से बने सुई के आकार के औजार मिले हैं। इन्हें जयपुर स्थित पुरातत्व विभाग के कार्यालय में भेजा गया है। एएसआई का दावा है कि इस तरह के अवशेष और औजार अब तक भारत में कहीं नहीं मिले हैं। दावा किया जा रहा है कि अब तक की खोदाई में ढ़ाई हजार साल से भी ज्यादा पुराने अवशेष मिल चुके हैं।
इनमें यज्ञ कुंड, धातु के औजार, सिक्के, मौर्यकालीन मातृदेवी प्रतिमा का सिर, शुंग कालीन अश्विनी कुमारों की मृर्ति, हड्डियों से निर्मित उपकरण एवं महाभारत कालीन मिट्टी के बर्तन के टुकड़े मिले हैं।
खोदाई में अश्विनी कुमारों की प्राचीन मृर्ति मिली है। अश्विनी कुमारों का नाम महाभारत में द्रस्त्र और नास्त्य था। अश्विनी कुमारों को नकुल और सहदेव का मानस पिता माना जाता है। यहां हवन कुंड से निकली मिट्टी को अलग रखा जा रहा है। इसका विशेष महत्व बताया जा रहा है। हवन कुंड में धातु के औजारों के सिक्के भी मिले हैं।