IGI Airport : उद्घाटन होने के बाद भी नहीं शुरू हुआ फ्लाइट ऑपरेशन, जानें क्या है वजह
IGI Airport : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का उद्घाटन हो चुका है। इस टर्मिनल से किसी भी फ्लाइट का ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका है।
एयरपोर्ट के बड़े अफसरों के अनुसार टर्मिनल-1 से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू होने में अभी दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है। अब इन सब चीजों को देखकर एक सवाल उठता है कि जब टर्मिनल पूरी तरह से तैयार है तो फ्लाइट ऑपरेशन में इस देरी की आखिर वजह क्या है?
एयरपोर्ट ऑपरेशन से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, टर्मिनल वन से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू न हो पाने की पहली वजह ऑपरेशनल रेडीनेस एण्ड एयरपोर्ट ट्रांजीशन (ORAT) सर्टिफिकेशन है।
दरअसल, ऑपरेशनल रेडीनेस एण्ड एयरपोर्ट ट्रांजीशन दो चरणों में पूरी होने वाली वह प्रक्रिया है, जिसमें एयरपोर्ट टर्मिनल में इस्तेमाल हुई टेक्नोलॉजी, इक्विपमेंट और सर्विसेज के साथ-साथ ह्यूमन डेप्लॉयमेंट की एक साथ टेस्टिंग की जाती है।
सथ ही उन्होंने बताया कि पहले चरण में एयरपोर्ट टर्मिनल के चेकइन एरिया से लेकर एयरोब्रिज तक इस्तेमाल हुई सभी टेक्नोलॉजी, इक्विपमेंट और सिस्टम्स की टेस्टिंग की जाती है।
एयरपोर्ट के इस काम में एक साथ कई एजेंसियां काम करती हैं, लिहाजा दूसरे चरण में सभी एजेंसियों के साथ मिलकर एयरपोर्ट ऑपरेशन का ट्रायल रन किया जाता है। जिससे वास्तवकि ऑपरेशन शुरू होने से पहले टर्मिनल सिस्टम में मौजूद सभी खामियों को दूर किया जा सके।
डमी ट्रायल रन के बाद शुरू होंगे ऑपरेशन
इन सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद टर्मिनल वन पर डमी ट्रायल रन किए जाएंगे। जिसमें, चेक इन सिस्टम, बैगेज मेकअप एरिया, बैगेज ब्रेकअप एरिया, एयरोब्रिज ऑपरेशन का अंतिम परीक्षण किया जाएगा।
इस बीच, उन एयरलाइंस और फ्लाइट्स का भी निर्धारण होगा, जिनका ऑपरेशन टर्मिनल वन से किया जाना है। फिलहाल, टर्मिनल वन-डी, टर्मिनल टू और टर्मिनल थ्री से फ्लाइट ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
सुरक्षा के लिहाज से होगी चेकिंग
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ORAT सर्टिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद एयरपोर्ट ऑपरेटर टर्मिनल को सीआईएसएफ के सुपुर्द करेगा। सीआईएसएफ(CISF) सबसे पहले सुरक्षा के लिहाज से पूरे टर्मिनल को चेक करेगा.
चेकिंग के दौरान, अगर किसी भी तरह की कोई भी कमी पाई जाएगी, तो उसे तुरंत दुरुस्त करवाया जाएगा। इसके बाद, सीआईएसएफ(CISF) यह सुनिश्चित करेगी कि टर्मिनल बिल्डिंग में कोई भी अवांछित वस्तु या व्यक्ति न हो।
सभी सुरक्षा उपकरणों की भी होगी जांच
इसके बाद, सुरक्षा जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी), हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी), एक्सरे मशीन, सीसीटीवी कैमरों की पोजीशन का परीक्षण सीआईएसएफ के द्वारा किया जाएगा।
साथ ही, टर्मिनल में जवानों की तैनाती की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसी बीच, टर्मिनल ऑपरेशन के लिए चुने गए कर्मियों को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी (बीसीएएस) एयरपोर्ट इंट्री पास जारी करेगी।