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हरियाणा में किसानों को राहत देगी ये खबर, मौसम से खराब फसलों पर कृषि मंत्री ने दिया बड़ा बयान

हिसार में तीसरी बार शनिवार को ओलावृष्टि हुई है। जिले के 60 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि की शिकायतें प्रशासन तक पहुंच चुकी हैं। जिले में मक्का, सोयाबीन, मूंगफली की सब्जियां, धान और गन्ने जैसी फसलों को भारी नुकसा
 
indiah1, Haryana News: हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जे. पी. दलाल ने कहा कि ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के बारे में किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार और किसानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भिवानी के उपायुक्त को लोहारू, भिवानी क्षेत्र सहित पूरे राज्य में ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

पूरे जिले में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी ताकि किसानों को मुआवजा देकर फसल के नुकसान की भरपाई की जा सके।

हिसार में तीसरी बार शनिवार को ओलावृष्टि हुई है। जिले के 60 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि की शिकायतें प्रशासन तक पहुंच चुकी हैं। जिले में मक्का, सोयाबीन, मूंगफली की सब्जियां, धान और गन्ने जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे के बीच बारिश हुई।

शनिवार को 25.6 मिमी बारिश भी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में बारिश होने की संभावना है। राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। आसमान में काले बादल अब किसानों को डराने लगे हैं। किसी भी किसान को बीमा दावा नहीं मिलेगा।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण शनिवार सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे। कुछ देर तक आसमान में बादल रहे और दोपहर में तेज हवा चलने लगी। दोपहर करीब 2 बजे बारिश शुरू हुई। जिले के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई।

इससे पहले, जिले में 19 फरवरी को ओलावृष्टि हुई थी, जिसमें 26 से अधिक गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा था। कुछ जिलों में भारी बारिश भी हुई। जिले में 5.52 लाख एकड़ में गेहूं, 2.25 लाख एकड़ में सरसों, 40,000 एकड़ में चना और 35,000 एकड़ में जौ की खेती होती है। लगभग 8.60 लाख एकड़ में फसलें फैली हुई हैं।

दिसंबर-जनवरी में बारिश नहीं हुई थी। दो महीनों में, सामान्य वर्षा 17.3 मिमी है। दिसंबर-जनवरी के महीने में अच्छी बारिश होने से किसानों के करोड़ों रुपये की बचत होती है। बारिश के बाद किसानों को डीजल इंजन और सिंचाई के लिए बिजली पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है।

इस बार अक्टूबर से जनवरी तक चार महीनों में केवल 5.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इन चार महीनों में औसतन 30.2 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। राज्य में सामान्य से 85 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वर्षा से फसलों को सबसे अधिक लाभ होता है। गेहूँ, मक्का, जौ और राई मुख्य अनाज फसलें हैं। धान और मक्का जिले की प्रमुख फसलें हैं।