फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश का बना रहे हो प्लान ? तो पता होने चाहिए इसके फायदे और जोखिम, जानें पूरी जानकारी
Fixed Deposit: फिक्स्ड डिपॉजिट गारंटीशुदा रिटर्न प्रदान करता है और गारंटी के कारण निवेशकों का विश्वास जीतता है। लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद इनसे जुड़े कुछ जोखिम भी हैं। इस लेख में हम आपको फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे और जोखिम के बारे में विस्तार से बताएंगे।
फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे
गारंटीड रिटर्न: एफडी में निवेश करने से आपको निश्चित रिटर्न मिलता है, जो आपकी पूंजी को सुरक्षित रखता है।
ब्याज दरें: हाल ही में ब्याज दरें बढ़ी हैं, जिसमें कुछ बैंक वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.25% और सामान्य जमाकर्ताओं के लिए 7.75% ब्याज दर प्रदान कर रहे हैं।
सुरक्षा: एफडी को बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा संचालित किया जाता है, जो इसे सुरक्षित बनाता है।
बचत का अनुशासन: एफडी में लॉक-इन पीरियड होता है, जिससे आप अपनी बचत को एक निश्चित अवधि तक सुरक्षित रख सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े 4 मुख्य जोखिम
1. डिफॉल्ट रिस्क
बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में आपके निवेश पर असर पड़ सकता है। हालांकि, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) प्रति खाताधारक 5 लाख रुपये तक का बीमा प्रदान करता है, जो आपको सुरक्षा की गारंटी देता है।
2. ब्याज दर का जोखिम
फिक्स्ड डिपॉजिट एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है, लेकिन अगर बाजार में ब्याज दरें बढ़ जाती हैं, तो आपका निवेश इससे प्रभावित नहीं होगा। आपको पहले से तय ब्याज दर से ही संतोष करना होगा।
3. महंगाई का प्रभाव
अगर महंगाई बढ़ती है, तो आपके एफडी का वास्तविक मूल्य कम हो सकता है। महंगाई के समय में फिक्स्ड ब्याज दरें आपकी परचेसिंग पावर को कम कर सकती हैं, जिससे आपकी रिटर्न की वैल्यू कम हो सकती है।
4. लिक्विडिटी की समस्या
एफडी में आपका पैसा एक निश्चित अवधि तक लॉक रहता है। आपातकालीन स्थितियों के अलावा, आप इसे बीच में निकाल नहीं सकते। अगर आपको पैसे की जरूरत पड़ती है, तो आपको पेनाल्टी देनी होगी, जिससे आपकी ब्याज दर कम हो सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के लिए एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प हो सकता है, लेकिन इसमें जुड़े जोखिमों को समझना जरूरी है। आपको निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता का ध्यान रखना चाहिए।