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Business Ideas: उम्र 51 साल, सालाना कमाई 45 लाख, इस बिजनस ने बदल दी जिंदगी, पढिए पूरी न्यूज 

सुबुही नाज़ की कहानी यह दिखाती है कि उम्र केवल एक संख्या है और सही दिशा में मेहनत और प्रयास से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। फिश फार्मिंग में उनके द्वारा हासिल की गई सफलता न केवल उनके लिए प्रेरणा है, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है।
 

Business News: सुबुही नाज़ की कहानी यह दिखाती है कि उम्र केवल एक संख्या है और सही दिशा में मेहनत और प्रयास से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। फिश फार्मिंग में उनके द्वारा हासिल की गई सफलता न केवल उनके लिए प्रेरणा है, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है।

बढ़ती उम्र के साथ नया व्यवसाय शुरू करना कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सुबुही नाज़ ने यह चुनौती स्वीकार की और सफलता की मिसाल पेश की। 51 वर्षीय सुबुही ने 47 साल की उम्र में फिश फार्मिंग शुरू की और आज उनके बिजनेस का सालाना टर्नओवर 45 लाख रुपये है। सुबुही को उनके उत्कृष्ट काम के लिए नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।

सुबुही की ज़िन्दगी में बदलाव 1997 में आया जब उनके पति का निधन हो गया। उस समय उनकी उम्र 27 साल थी और उनके पास एक छोटा बेटा अब्दुल रहमान था। परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए सुबुही ने 1998 में वाराणसी में रेडिमेड गारमेंट की छोटी दुकान खोली। इस दुकान से मिली आय ने उनके परिवार की जरूरतें पूरी की और बेटे की पढ़ाई भी शुरू की।

सुबुही के बेटे अब्दुल ने फिशरी साइंस में ग्रेजुएशन किया और फिश फार्मिंग की संभावनाओं के बारे में सुबुही को जानकारी दी। उसने पीएम मोदी की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के बारे में भी बताया। इसके बाद, सुबुही ने 47 साल की उम्र में फिश फार्मिंग का कोर्स किया और सरकार से 30 लाख रुपये की सब्सिडी प्राप्त की।

सुबुही ने एक फिश फार्म प्लांट स्थापित किया और मछली का उत्पादन शुरू किया। उनके फिश फार्म ने शानदार परिणाम दिए:

वित्त वर्ष 2023: 30.2 टन मछली का उत्पादन
वित्त वर्ष 2024: 36.4 टन मछली का उत्पादन
कुल उत्पादन (2022-2024): 83.6 टन मछली

उन्होंने अपने तालाबों में विभिन्न प्रकार की मछलियों का उत्पादन किया, जैसे ग्रास कार्प, मृगल कार्प, कतला, और रोहू। सुबुही की मेहनत और समर्पण ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके प्रयासों के कारण उन्हें 2024 में नेशनल फिश फार्मर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।