EPFO Rule Change: पेंशन, PF और इंश्योरेंस स्कीम को लेकर EPFO ने बदला नियम, अब कम हो गया जुर्माना... जानिए किन्हें होगा फायदा नुकशान
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योगदान जमा करने में चूक या देरी करने वाले नियोक्ताओं पर जुर्माना शुल्क में कमी की है
Jun 16, 2024, 12:56 IST
EPFO Update: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योगदान जमा करने में चूक या देरी करने वाले नियोक्ताओं पर जुर्माना शुल्क में कमी की है। इससे पहले यह शुल्क प्रति कर्मचारी अधिकतम 25 प्रतिशत था। लेकिन अब बकाया को घटाकर 1% प्रति माह या 12% प्रति वर्ष कर दिया गया है। ईपीएफओ के ग्राहकों के लिए यह एक बड़ी राहत है।
श्रम मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि जुर्माना तीन योजनाओं-कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (ईडीएलआई) के तहत प्रति माह योगदान के बकाया का 1 प्रतिशत या 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से लगाया जाएगा।
जुर्माना कितना था?
इससे पहले, जुर्माना दो महीने के लिए 5 प्रतिशत वार्षिक, दो महीने से अधिक और चार महीने से कम के लिए 10 प्रतिशत था। इसके अलावा 4 महीने से अधिक और 6 महीने से कम के लिए 15 प्रतिशत का जुर्माना लगाया गया था। साथ ही, 6 महीने या उससे अधिक की चूक पर प्रति वर्ष 25 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया गया था। यह नया नियम अधिसूचना की तारीख से लागू होगा।
वर्तमान में, नियोक्ता के लिए हर महीने की 15 तारीख को या उससे पहले ईपीएफओ के साथ पिछले महीने का रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो इसके बाद किसी भी देरी को चूक माना जाएगा और जुर्माना लागू होगा।
श्रम मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि जुर्माना तीन योजनाओं-कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (ईडीएलआई) के तहत प्रति माह योगदान के बकाया का 1 प्रतिशत या 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से लगाया जाएगा।
जुर्माना कितना था?
इससे पहले, जुर्माना दो महीने के लिए 5 प्रतिशत वार्षिक, दो महीने से अधिक और चार महीने से कम के लिए 10 प्रतिशत था। इसके अलावा 4 महीने से अधिक और 6 महीने से कम के लिए 15 प्रतिशत का जुर्माना लगाया गया था। साथ ही, 6 महीने या उससे अधिक की चूक पर प्रति वर्ष 25 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया गया था। यह नया नियम अधिसूचना की तारीख से लागू होगा।
वर्तमान में, नियोक्ता के लिए हर महीने की 15 तारीख को या उससे पहले ईपीएफओ के साथ पिछले महीने का रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो इसके बाद किसी भी देरी को चूक माना जाएगा और जुर्माना लागू होगा।