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सभी क्षेत्रों में वृद्धि से वित्तीय समावेश सूचकांक में हुई बढ़ोतरी-आरबीआई

सभी क्षेत्रों में वृद्धि से वित्तीय समावेश सूचकांक में हुई बढ़ोतरी-आरबीआई
 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का वित्तीय समावेश सूचकांक इस साल मार्च में बढ़कर 64.2 हो गया। देश भर में वित्तीय समावेश की स्थिति को मापने वाले सूचकांक के सभी मानदंडों में वृद्धि देखी गई है। सूचकांक वित्तीय समावेश से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल करता है। इसके तहत शून्य से 100 के बीच मूल्य दिया जाता है। शून्य जहां वित्तीय सुविधाओं से पूरी तरह बाहर बताता है वहीं 100 पूर्ण रूप से वित्तीय समावेश को दर्शाता है। 


उप सूचकांकों में भी हुई वृद्धि
 

रिजर्व बैंक ने कहा, 'सूचकांक का मूल्य मार्च, 2024 के लिए 64.2 रहा जो बीते वर्ष इसी महीने में 60.1 था। सभी उप सूचकांकों में वृद्धि दर्ज की गई। बयान के अनुसार, वित्तीय समावेश (एफआई) सूचकांक में सुधार में मुख्य रूप से उपयोग मानदंड का योगदान है। यह वित्तीय समावेश की पैठ को बताता है। एफआई सूचकांक में 3 मानदंड मुख्य रूप से शामिल हैं। ये हैं पहुंच (35 प्रतिशत), उपयोग (45 प्रतिशत) और गुणवत्ता (20 प्रतिशत)। इनमें से प्रत्येक में विभिन्न आयाम शामिल हैं। इनकी गणना कई संकेतकों के आधार पर की जाती है।