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 Retirement पर EPFO से आपको मिलेगी कितनी पेंशन? इस फॉर्मूले से पांच मिनट में समझें पूरा गणित 

पेंशन के फार्मूले को समझें, ईपीएस में आपको कितनी पेंशन मिलेगी, इसकी गणना एक फार्मूले के आधार पर की जाती है। इसका फॉर्मूला ईपीएस = औसत वेतन x पेंशन योग्य सेवा/70 है। औसत वेतन का अर्थ है मूल वेतन और डीए। जो पिछले 12 महीनों के आधार पर निकाला जाता है। 
 

EPFO Pension Calculator:  ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान किए जाते हैं। कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित एक सेवानिवृत्ति योजना है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी हर महीने अपने मूल वेतन का 12 प्रतिशत ईपीएफ खाते में डालते हैं। इतनी ही राशि नियोक्ता/कंपनी द्वारा भी जमा की जाती है। लेकिन नियोक्ता/कंपनी के हिस्से को दो भागों में विभाजित किया गया है। हर महीने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में 8.33 प्रतिशत और ईपीएफ में 3.67 प्रतिशत जाता है।

हालांकि, ईपीएस के तहत इस पेंशन सुविधा का लाभ उठाने के लिए, न्यूनतम 10 वर्षों के लिए ईपीएस में योगदान करना आवश्यक है, यानी i.e. कर्मचारी की नौकरी 10 साल के लिए आवश्यक है। अधिकतम पेंशन योग्य सेवा 35 वर्ष है। आइए हम आपको वह सूत्र बताते हैं जिसके द्वारा आप गणना कर सकते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी।

पेंशन के फार्मूले को समझें, ईपीएस में आपको कितनी पेंशन मिलेगी, इसकी गणना एक फार्मूले के आधार पर की जाती है। इसका फॉर्मूला ईपीएस = औसत वेतन x पेंशन योग्य सेवा/70 है। औसत वेतन का अर्थ है मूल वेतन और डीए। जो पिछले 12 महीनों के आधार पर निकाला जाता है। अधिकतम पेंशन योग्य सेवा 35 वर्ष है। अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये है। इसके साथ, इस पेंशन का हिस्सा अधिकतम 15000x 8.33 = 1250 रुपये प्रति माह है। ऐसे में अगर आप अधिकतम अंशदान और रोजगार के वर्ष पर ईपीएस पेंशन की गणना को समझते हैं तो-ईपीएस = 15000 x35/70 = 7,500 रुपये प्रति माह। इस तरह ईपीएस से अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये तक और न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये तक ली जा सकती है। आप इस सूत्र के माध्यम से अपनी पेंशन राशि की गणना भी कर सकते हैं।

यहां यह याद रखें कि EPS का यह फॉर्मूला 15 नवंबर 1995 के बाद संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा. इससे पूर्व के कर्मचारियों के लिए अलग नियम है. दूसरी ओर, कर्मचारी संगठनों की ओर से यह मांग लगातार की जा रही है कि मौजूदा वेज स्‍ट्रक्‍चर और महंगाई दर को देखते हुए पेंशन के लिए औसत सैलरी की मैक्सिमम लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए. 

पेंशन से जुड़ा ये नियम भी जानें

बता दें कि EPS के नियमों के तहत कर्मचारी 58 साल की उम्र पर पेंशन का हकदार होता है. हालांकि अगर वो चाहे तो 58 से पहले भी पेंशन प्राप्‍त कर सकता है. इसके लिए Early Pension का भी विकल्‍प होता है, इसके तहत 50 साल के बाद पेंशन प्राप्‍त की जा सकती है. लेकिन ऐसे में आप 58 साल की उम्र से जितने पहले पैसा निकालेंगे, आपको हर साल के लिए 4 फीसदी की दर से पेंशन घटकर मिलेगी. मान लीजिए कि आप 56 वर्ष की आयु में मासिक पेंशन निकालते हैं तो आपको मूल पेंशन राशि का 92 फीसदी अमाउंट ही पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. वहीं अगर आप 58 की बजाए 60 साल की उम्र में पेंशन लेना शुरू करेंगे तो आपको सामान्‍य पेंशन राशि के मुकाबले 8 फीसदी ज्‍यादा पैसे पेंशन के रूप में मिलेगे. इसमें हर साल के लिए 4 फीसदी की दर से पेंशन बढ़कर मिलेगी.