Sukanya Samriddhi Yojana में मिलता है प्री-मैच्योर विड्रॉल का ऑप्शन? जानें क्या है
Sukanya Samriddhi Yojana Rule बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार द्वारा भी कई अहम कदम उठाएं जा रहे हैं। सरकार ने बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) शुरू की है। यह स्कीम 21 साल में मैच्योर होती है। क्या स्कीम के मैच्योर होने से पहले निकासी की जा सकती है? आइए योजना के निकासी नियमों के बारे में जानते हैं।
बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao-Beti Padhao) अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) शुरू की गई है
यह एक इंवेस्टमेंट स्कीम है। इसमें माता-पिता द्वारा निवेश की गई राशि का इस्तेमाल बेटी की पढ़ाई या शादी के लिए किया जा सकता है।
इस स्कीम में जहां सरकार द्वारा गारंटी रिटर्न मिलता है वहीं दूसरी तरफ इसमें आयकर अधिनियम 1961 के 80सी धारा के तहत 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) भी मिलता है।
बेटी के जन्म से लेकर 10 साल तक की आयु तक बेटी के लिए सुकन्या अकाउंट (Sukanya Account) ओपन किया जा सकता है। यह स्कीम 21 साल में मैच्योर होती है।
इसका मतलब है कि जब बेटी की आयु 21 साल हो जाती है तो वह सुकन्या अकाउंट से पूर्ण निकासी करके अकाउंट बंद कर सकती है।
कई लोगों के मन में सवाल होता है कि क्या इस स्कीम में प्री-मैच्योर विड्रॉल का भी ऑप्शन होता है?
सुकन्या अकाउंट से कितनी निकासी कर सकते हैं?
सुकन्या अकाउंट में केवल दो बार निकासी की जा सकती है। एक बार आंशिक और एक बार पूर्ण निकासी की जा सकती है। सुकन्या अकाउंट में केवल 50 फीसदी तक की आंशिक निकासी की जा सकती है।
जब बेटी की आयु 18 साल की हो जाती है तब ही सुकन्या अकाउंट से 50 फीसदी की राशि निकाली जा सकती है।
सुकन्या अकाउंट में मिलती है प्री-मैच्योर की सुविधा?
सुकन्या समृद्धि योजना में प्री-मैच्योर विड्ऱॉल की सुविधा नहीं मिलती है। इसका मतलब है कि अगर बेटी की 18 साल की नहीं हुई है तो वह अकाउंट से निकासी नहीं कर सकती है। हालांकि 18 साल हो जाने के बाद भी केवल 50 फीसदी राशि ही निकाली जा सकती है।
सुकन्या अकाउंट की पूर्ण राशि निकालने के लिए बेटी की आयु 21 साल होना अनिवार्य है।