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डॉमेस्टिक मनी ट्रांसफर के लिए आरबीआई ने की शक्ति, बनाए नए नियम।


RBI empowered, made new rules for domestic money transfer
 

INDIA H1:आरबीआई की ओर से साइबर फ्रॉड रोकने के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। अब डॉमेस्टिक मनी ट्रांसफर को लेकर आरबीआई ने सख्त नियम जारी किए हैं। आरबीआई ने डॉमेस्टिक मनी ट्रांसफर नए नियम में चेंजिंग करते हुए अब मनी ट्रांसफर करने वाला बैंक भुगतान करने वाले लाभार्थी का नाम और पते का रिकॉर्ड भी प्राप्त करेगा और अपने पास रखेगी। जिस से  साइबर फ्रॉड में रोक लगेगी। 

आरबीआई की ओर से जारी किए गए नोटिस में यह भी कहा गया है कि केस पेमेंट सर्विस(case payment service) के मामले में मनी ट्रांसफर(money transfer) करने वाला बैंक या बिजनेस कॉरेस्पोंडेंस(business correspondence) दिए गए निर्देश अनुसार एक वेरीफाइड फोन नंबर और सेल्फ अटेस्टेड आधिकारिक तौर पर रियली डॉक्यूमेंट के बेस पर सेंडर को रजिस्टर्ड करेगा।

इसमें यह भी बताया गया है कि कस्टमर अपने दिशा निर्देश 2016 को जाने जिसमें समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। 

प्रत्येक लेनदेन का प्रामाणिक तथ्य होना आवश्यक है। 

मनी ट्रांसफर करने वाले बैंक के पास प्रत्येक लेनदेन का ब्योरा होना चाहिए। इस सर्कुलर में कहा गया है कि नगदी जमा करने से संबंधित बैंक और उनके बिजनेस करेंस्पॉन्डेंट आयकर अधिनियम 1961 के नियमों के तहत यह समय समय पर चेंज होते रहते हैं।

नए नियमों में बताया गया है कि मनी ट्रांसफर( money transfer) करने वाला बैंक imps/NEFT के लैंन देन में आने वाले संदेश को सेंडर की डिटेल के रूप में रखेगा। किसी भी प्रकार के लेनदेन एसएमएस में मनी ट्रांसफर को कैश बेस्ड सेंटर के रूप में पहचान के लिए एक पहचान करता शामिल करना होगा। RBI ने यह भी बताया है कि card to card transfer दिशा निर्देशों को dmt 
के नियमों में शामिल नहीं किया गया।


2011 में domestic money transfer के लिए नया नियम पेश किए जाने के बाद से बैंकिंग आउटलेट की उपलब्धता फंड ट्रांसफर के लिए पेमेंट सिस्टम(payment system) में डेवलपमेंट(development) और केवाईसी आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी में तेजी से विकास हुआ है अब यूजर्स के फंड ट्रांसफर(fund transfer) के लिए कई डिजिटल ऑप्शन ( digital option) है