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Post Office में लाजवाब है ये स्कीम! मात्र इतने रुपए के निवेश से मिलेगा तगड़ा फायदा, जानें डिटेल… 

पोस्ट ऑफिस पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) योजना अपनी विशेषताओं के कारण निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
 
Post Office Scheme, नई दिल्ली। आज के समय में निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन पोस्ट ऑफिस पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) योजना अपनी विशेषताओं के कारण निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह योजना न केवल सुरक्षित निवेश प्रदान करती है बल्कि आकर्षक ब्याज दरें और कर लाभ भी प्रदान करती है।

पीपीएफ खाता 15 साल की परिपक्वता अवधि के साथ आता है, जिसे हर 5 साल के बाद बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में, यह योजना 7.1% की आकर्षक ब्याज दर प्रदान कर रही है। निवेशक आसानी से किसी भी बैंक या डाकघर में यह खाता खोल सकते हैं।


इस योजना की एक विशेषता यह है कि आप केवल 500 रुपये से अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। इसमें निवेश की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये सालाना है। यह लचीलापन योजना को छोटे और बड़े दोनों निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।

कर लाभ और सुरक्षित निवेशः पीपीएफ योजना ईईई श्रेणी के तहत आती है, जिसका अर्थ है कि निवेश, ब्याज और परिपक्वता राशि सभी कर-मुक्त हैं। 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।

अगर कोई व्यक्ति हर महीने 7,500 रुपये का निवेश करता है, तो उसका कुल निवेश 15 वर्षों में 13,50,000 रुपये हो जाएगा। 7.1 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ, यह राशि 15 वर्षों के अंत में बढ़कर लगभग 24,40,926 रुपये हो जाएगी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लंबे समय में पीपीएफ कितना लाभदायक हो सकता है।

यदि आपका पीपीएफ खाता किसी कारण से बंद हो जाता है तो चिंता न करें। आप केवल 500 रुपये जमा करके और 50 रुपये का जुर्माना देकर अपने खाते को फिर से सक्रिय कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने निकटतम डाकघर जाना होगा और एक लिखित आवेदन जमा करना होगा।

 पोस्ट ऑफिस पीपीएफ योजनाः 
पोस्ट ऑफिस पीपीएफ योजना उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो लंबी अवधि के लिए सुरक्षित और लाभदायक निवेश की तलाश में हैं। यह योजना न केवल आकर्षक ब्याज दर प्रदान करती है बल्कि कर लाभ और सरकारी गारंटी भी प्रदान करती है। यह छोटे निवेशकों के लिए भी उपयुक्त है क्योंकि इसमें न्यूनतम निवेश राशि कम होती है। हालांकि, निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों पर विचार करना और यदि आवश्यक हो तो वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।