Business Idea: हर महीने आप कर सकते है मोटी कमाई, 25000 रुपये किलो बिकती है आपके घर के कबाड़ में रखी ये चीज
भारत भी इस व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारा देश हर साल लगभग 4 करोड़ डॉलर मूल्य के बालों की आपूर्ति करता है। वर्ष 2020 में भारत से निर्यात किए जाने वाले बालों में 39 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई। इस बाल की कीमत करोड़ों रुपये है। गाँवों और कस्बों में, फेरीवाले बाल इकट्ठा करने के लिए घर-घर जाते हैं।
बालों की कीमत
बालों की क्वालिटी के हिसाब से दाम तय होता है। कुछ बालों को 8,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच खरीदा जाता है। वहीं कुछ बालों की अच्छी क्वालिटी होने पर 20,000 रुपये से 25,000 रुपये में आसानी से बिक जाते हैं। कोलकाता, चेन्नई और आंध्रप्रदेश के कारोबारी होलेसल में बाल खरीदते हैं। फिर से ये बाल विदेश में बेचे जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलकाता से 90 फीसदी चीन में बेचे जाते हैं। कहा जाता है कि गुजरात के बालों की सबसे ज्यादा मांग रहती है। इसकी वजह ये है कि वहां के बाल मजबूत और चमकदार होते हैं।
बालों का इस्तेमाल
कंघी से झड़े बालों को ट्रांसप्लांट करने, विग बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। झड़े बालों को साफ कर कैमिकल में रखा जाता है। फिर सीधा कर इस्तेमाल किया जाता है। ट्रीटमेंट कर इन्हें चीन भेजा जाता है। बालों की क्वालिटी के लिए अलग-अलग शर्तें हैं, जैसे कि बाल कटे हुए नहीं होने चाहिए। बाल कंघी से झड़े हुए हों और इनकी लंबाई 8 इंच से कम न हो।
लोगों को पसंद हैं भारतीय महिलाओं के बाल
भारत में बालों का बिजनेस आजादी के पहले से चल रहा है। भारतीय महिलाओं के बालों को हमेशा से पसंद किया जाता रहा है। आज भी भारतीय महिलाओं के लंबे बालों (Indian Hair Texture) को काफी पसंद किया जाता है। इनकी कीमत (Hair Business Net Worth) भी काफी ज्यादा होती है। ये बाल भारत से चीन, मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, बर्मा तक भेजे जाते हैं। भारत में मंदिरों में दान किए गए बालों को भी बेचा जाता है।
दुनिया भर में भारत के बालों की सबसे ज्यादा डिमांड
बालों की क्वालिटी इस कारोबार का अहम पहलू है। बाजार में वर्जिन हेयर की मांग सबसे ज्यादा है। वर्जिन हेयर ऐसे बालों को कहा जाता है, जिसमें कोई रंग न लगा हो। जिनका कोई ट्रीटमेंट न हुआ हो। भारत से विदेश जाने वाले ज्यादातर इसी कैटेगरी के होते हैं। ऐसे बालों की सबसे ज्यादा मांग अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और यूरोप में है। बता दें कि बहुत बड़ी तादाद के वर्जिन हेयर की डिमांड भारत के मंदिरों से जाने वाले बाल पूरी करते हैं। साल 2014 में तिरुपति मंदिर से ही 220 करोड़ के बालों की बिक्री हुई। 2015 में तिरूमाला तिरुपति देवास्थान ने श्रृद्धालुओं के बालों का ई-ऑक्शन कर 74 करोड़ रुपये जुटाए थे।